Shani Rahu Mangal Yuti Astrology Rahu is expert in cheating in life shani mangal rahu together opens the doors of destruction

Shani Rahu Mangal Yuti:  ज्योतिष शास्त्र में 9 ग्रहों का अपना अलग महत्व है. 9 ग्रहों में कुछ ग्रह शुभ फल प्रदान करते हैं और कुछ ग्रह अशुभ. अशुभ फल देने वाले ग्रहों को पाप ग्रह के नाम से जाना जाता है. ज्योतिष शास्त्र में शनि, राहु, केतु को पाप ग्रह की क्षेणी में रखा गया है.

राहु और केतु को छाया ग्रह माना गया है. राहु व्यक्ति की बुद्धि पर पर्दा डाल देता है और कई बार लोग गलत निर्णय ले लेते हैं.  राहु अक्सर शॉर्टकट और स्वार्थपूर्ण इच्छाओं को बढ़ावा देता है.  राहु जहां भी बैठता है वहां उन्नति रोक देता है, भाग्य स्थान पर बैठा राहु अक्सर भाग्योदय नहीं होने देता है.  वहीं केतु को मोक्ष का कारक माना गया है.

शनि और मंगल की युति

अगर किसी की कुंडली में शनि और मंगल के साथ राहु या केतु बैठ जाए तो तबाही शुरू हो जाती है. शनि और मंगल की युति से षडाष्टक योग बनता है. यह योग ज्योतिष में अशुभ माना जाता है क्योंकि शनि और मंगल दोनों ही पाप ग्रह माने जाते हैं और एक दूसरे के शत्रु हैं. अगर राहु शनि के साथ बैठ जाए तो व्यक्ति में अवसाद, निराशा, असहिष्णुता और सामाजिक अलगाव की भावना उत्पन्न हो सकती है. अगर राहु मंगल के साथ युति करें, तो क्रोध, आक्रोश, हिंसक प्रवृत्तियां, और अनैतिक कार्यों की ओर झुकाव बढ़ता है. 

शनि, मंगल, राहु इन तीन ग्रहों की युति

राहु, शनि, मंगल इन तीनों ग्रहों की युति व्यक्ति के जीवन में वित्तीय नुकसान, कानूनी विवाद, मानहानि, और अचानक बड़ी दुर्घटनाएं ला सकती है. राहु की महादशा या शनि मंगल के साथ युति व्यक्ति को धोखा देने वाला, भ्रमित, और अपने ही निर्णयों से पीड़ित बना सकती है. इसीलिए राहु को अचानक भ्रमित और नुकसान पहुंचाने वाला ग्रह माना गया है.

ज्योतिष शास्त्र में शनि, राहु और मंगल को क्रूर ग्रह माना जाता है. जब ये तीनों ग्रह एक ही भाव खासकर बारहवें भाव में एक साथ आ जाएं, तो पिशाच योग बनता है. पिशाच योग आमतौर पर विनाशकारी प्रवृत्तियों, मानसिक अशांति, और लाइफ में धोखा और भटकाव से जुड़ा होता है.

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