Kahani Dharm Ki When Maruti tried to eat sun Mangalwar hanuman story in hindi

भगवान शिव के अंश, प्रभु श्रीराम के भक्त और वायु पुत्र हनुमान जी की विशेष पूजा-अर्चना मंगलवार के दिन की जाती है. भक्त इस दिन व्रत भी रखते हैं. ‘कहानी की धार्मिक’ में जानते हैं भगवान हनुमान के जीवन से जुड़ी अद्भुत लीलाओं के बारे में. हनुमान की कई लीलाओं में एक है सूरज को निगलना प्रयास करना.

भगवान शिव के अंश, प्रभु श्रीराम के भक्त और वायु पुत्र हनुमान जी की विशेष पूजा-अर्चना मंगलवार के दिन की जाती है. भक्त इस दिन व्रत भी रखते हैं. ‘कहानी की धार्मिक’ में जानते हैं भगवान हनुमान के जीवन से जुड़ी अद्भुत लीलाओं के बारे में. हनुमान की कई लीलाओं में एक है सूरज को निगलना प्रयास करना.

पौराणिक कथा के अनुसार, केसरी नंदन और माता अंजनी के घर अद्भुत बालक का जन्म हुआ, जिसका नाम मारुति रखा गया. शिवजी का 11वां रुद्रावतार होने के कारण मारुति यानी हनुमान में अलौकिक शक्तियां भी थीं. वह चंचल, बलवान और बुद्धिमान था.

पौराणिक कथा के अनुसार, केसरी नंदन और माता अंजनी के घर अद्भुत बालक का जन्म हुआ, जिसका नाम मारुति रखा गया. शिवजी का 11वां रुद्रावतार होने के कारण मारुति यानी हनुमान में अलौकिक शक्तियां भी थीं. वह चंचल, बलवान और बुद्धिमान था.

एक बार मारुति को जोरों की भूख लगी, लेकिन आस-पास खाने को कुछ भी नहीं दिखा. तब मारुति की नजर आकाश की ओर सूरज पर पड़ी. बालक मारुति सूरज को आम का फल समझ बैठे और खाने के लिए आसमान की ओर उड़ गए.

एक बार मारुति को जोरों की भूख लगी, लेकिन आस-पास खाने को कुछ भी नहीं दिखा. तब मारुति की नजर आकाश की ओर सूरज पर पड़ी. बालक मारुति सूरज को आम का फल समझ बैठे और खाने के लिए आसमान की ओर उड़ गए.

लेकिन जैसे-जैसे मारुति सूरज के नजदीक जा रहे थे वैसे-वैसे सूरज देवता भी अपना आकर बड़ा कर रहे थे. तभी राहु की नजर पड़ी कि कोई शक्ति सूरज के नजदीक जा रही है. राहु ने तुंरत इसकी जानकारी इंद्र को दी.

लेकिन जैसे-जैसे मारुति सूरज के नजदीक जा रहे थे वैसे-वैसे सूरज देवता भी अपना आकर बड़ा कर रहे थे. तभी राहु की नजर पड़ी कि कोई शक्ति सूरज के नजदीक जा रही है. राहु ने तुंरत इसकी जानकारी इंद्र को दी.

इंद्र वहां पहुंचे और बालक हनुमान को रुक जाने को कहा. लेकिन चंचल हनुमान कहां मानने वाले थे. विवश होकर इंद्र ने अपने वज्र से उस पर प्रहार कर दिया, जिससे मूर्छित होकर हनुमान नीचे गिर पड़े. पवन देवता को जब इस बात का पता चला तो वे क्रोधित हो गए और संपूर्ण सृष्टि के वायु चक्र की गति रोक दी.

इंद्र वहां पहुंचे और बालक हनुमान को रुक जाने को कहा. लेकिन चंचल हनुमान कहां मानने वाले थे. विवश होकर इंद्र ने अपने वज्र से उस पर प्रहार कर दिया, जिससे मूर्छित होकर हनुमान नीचे गिर पड़े. पवन देवता को जब इस बात का पता चला तो वे क्रोधित हो गए और संपूर्ण सृष्टि के वायु चक्र की गति रोक दी.

वायु के रुक जाने से जीवों का दम घुटने लगा. इधर देवता भी चिंतित हो गए कि वायु के रुक जाने से तीनों लोकों की गति भी रुक जाएगी. समाधान के लिए सभी देवता पवन देव के पास गए और क्षमा मांगी.

वायु के रुक जाने से जीवों का दम घुटने लगा. इधर देवता भी चिंतित हो गए कि वायु के रुक जाने से तीनों लोकों की गति भी रुक जाएगी. समाधान के लिए सभी देवता पवन देव के पास गए और क्षमा मांगी.

पवन देव को शांत करने के लिए सभी देवताओं ने हनुमान को अपनी-अपनी शक्तियां वरदान में दी. जैसे ब्रह्मा से अमरता का, सूर्य से ऊर्जा और वेद का ज्ञान मिला, कुबेर से उन्हें गदा मिला.

पवन देव को शांत करने के लिए सभी देवताओं ने हनुमान को अपनी-अपनी शक्तियां वरदान में दी. जैसे ब्रह्मा से अमरता का, सूर्य से ऊर्जा और वेद का ज्ञान मिला, कुबेर से उन्हें गदा मिला.

इसी तरह विश्वकर्मा, वरुण जैसे बाकी देवताओं से हनुमान को अग्नि से रक्षा, पानी में न डूबने की शक्ति, हवा मे उड़ने की कला जैसे मिले कई शक्ति और वरदान से हनुमान धन्य हुए.

इसी तरह विश्वकर्मा, वरुण जैसे बाकी देवताओं से हनुमान को अग्नि से रक्षा, पानी में न डूबने की शक्ति, हवा मे उड़ने की कला जैसे मिले कई शक्ति और वरदान से हनुमान धन्य हुए.

Published at : 22 Apr 2025 06:35 AM (IST)

ऐस्ट्रो फोटो गैलरी

ऐस्ट्रो वेब स्टोरीज

Read More at www.abplive.com