फर्जीवाड़ा कर IAS बनने की आरोपी पूजा खेडकर को सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस के सामने पेश होने को कहा, गिरफ्तारी पर रोक जारी

<p style="text-align: justify;">फर्जीवाड़ा कर आईएएस बनने की आरोपी पूजा खेडकर को सुप्रीम कोर्ट ने दो मई को दिल्ली पुलिस के सामने पूछताछ के लिए पेश होने के लिए कहा है. फिलहाल पूजा की गिरफ्तारी पर रोक जारी रहेगी. कोर्ट ने कहा कि अगर पूजा जांच में सहयोग नहीं करेंगी, तो राहत हटाई जा सकती है. 21 मई को मामले की अगली सुनवाई होगी.</p>
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<div dir="auto" style="text-align: justify;">पूजा खेडकर पर फर्जी ओबीसी सर्टिफिकेट बनवाने, अपने नाम में बदलाव कर धोखाधड़ी करने और विकलांगता का झूठा प्रमाण पत्र देकर यूपीएससी में चयन की पात्रता हासिल करने जैसे कई आरोप हैं. जांच के बाद यूपीएससी ने पूजा को सिविल सेवा से बर्खास्त कर दिया था. मामले में यूपीएससी ने दिल्ली पुलिस में एफआईआर भी दर्ज करवाई थी.</div>
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<div dir="auto" style="text-align: justify;">सुप्रीम कोर्ट में सोमवार (21 अप्रैल, 2025) को हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस के लिए पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने इस भ्रष्टाचार की तह तक जाने की जरूरत बताई. इस पर जस्टिस बी वी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने कहा कि जब वह पूछताछ के लिए उपलब्ध है, तो गिरफ्तारी जरूरी नहीं लगती.</div>
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<div dir="auto" style="text-align: justify;">इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें राहत देने से मना करते हुए कहा था कि यह सिर्फ संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के साथ ही नहीं, देश के आम लोगों के साथ भी धोखा है. सिविल सर्विस का हिस्सा बनने के लिए पूरी मेहनत से प्रयास करने वाले युवाओं के हित के लिए भी यह जरूरी है कि मामले की विस्तृत जांच हो. 23 दिसंबर के इस आदेश के खिलाफ पूजा सुप्रीम कोर्ट पहुंची. 15 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और यूपीएससी को नोटिस जारी करते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी.</div>
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<div dir="auto" style="text-align: justify;">2022 में आईएएस चुनी गई पूजा को पुणे में असिस्टेंट कलक्टर के तौर नियुक्ति मिली थी. वहां उन पर एडिशनल कलक्टर के दफ्तर पर कब्जा करने, निजी गाड़ी पर सरकारी बत्ती लगाने जैसी कई अनुशासनहीनता भरी हरकतों का आरोप लगा. पुणे के कलक्टर की तरफ से सरकार को शिकायत भेजने के बाद मामला चर्चा में आया.</div>
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<div dir="auto" style="text-align: justify;">यूपीएससी ने पहले अपने स्तर पर जांच की. इसमें पाया गया कि 2012 से 2020 के बीच पूजा ने 9 बार यूपीएससी परीक्षा दी. 9 बार की अधिकतम सीमा खत्म हो जाने के बाद भी 2022 में फर्जीवाड़ा कर अपना चयन करवाया. उन्होंने कुल 12 बार परीक्षा दी. उन्होंने नाम में बदलाव, फर्जी ओबीसी सर्टिफिकेट, आमदनी और संपत्ति का गलत ब्यौरा देने, विकलांगता का झूठा दावा करने जैसे कई भ्रष्ट आचरण किए.</div>
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