<p style="text-align: justify;">ज्योतिष शास्त्र में कई शुभ और अशुभ योग होते हैं जो किसी व्यक्ति के जीवन को गहराई से प्रभावित कर सकते हैं. कुछ योग जीवन को ऊंचाइयों तक ले जाते हैं, तो कुछ संघर्ष और अवरोधों की ओर. खराब योग जीवन को नरक बना देते हैं. लेकिन क्या होता है जब एक शुभ और एक अशुभ योग एक ही समय पर एक ही कुंडली या राशि में आपस में टकराते हैं. 2025 में काल सर्प योग और गजकेसरी योग टकरा रहे हैं, जानते हैं इनका फल-</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>क्या है कालसर्प योग?</strong><br />कालसर्प योग तब बनता है जब किसी की जन्मकुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं. यह योग जीवन में अचानक परेशानियां, मानसिक तनाव, और असफलताओं को जन्म दे सकता है. ये एक खतरनाक योग है जो व्यक्ति को 42 वर्षों तक प्रभावित करता है. विषम परिस्थितियों में ये अत्यंत शुभ फल भी देता है, लेकिन अधिकर ये संघर्ष पूर्ण स्थितियों का ही निर्माण करता है, जिस कारण जीवन परेशानियों से घिरा रहता है, व्यक्ति बंधन जैसा महसूस करता है. जिससे निकलने के लिए प्रयास तो करता है लेकिन सफलता नहीं मिलती है. विशेष पूजा और कर्मकांड से इस स्थिति को काफी हदतक कम किया जा सकता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>गजकेसरी योग: एक शुभ योग</strong><br />गजकेसरी योग तब बनता है जब चंद्रमा और गुरु एक-दूसरे से केंद्र स्थानों (1, 4, 7, 10) में स्थित हों. यह योग बुद्धि, धन, यश और नेतृत्व क्षमता को बढ़ाता है. जिन लोगों की कुंडली में यह योग होता है, उन्हें समाज में सम्मान मिलता है और भाग्य का साथ रहता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>योगों का टकराव: प्रभाव और प्रमाणिक अवधि</strong><br />2025 में गजकेसरी योग मई में एक बार फिर बनने जा रहा है. मिथुन, कन्या, धनु और मीन राशियों के लिए यह योग विशेष रूप से फलदायी रहेगा.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>जब शुभ और अशुभ आमने-सामने हों</strong><br />जब किसी कुंडली में या गोचर में कालसर्प योग और गजकेसरी योग एक साथ प्रभावी हों, तो व्यक्ति एक विशेष किस्म के मानसिक और आध्यात्मिक संघर्ष से गुजरता है. यह समय भ्रम, अनिश्चितता और अस्थिरता का संकेत हो सकता है, जहाँ कुछ अच्छा होते-होते बिगड़ सकता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>2025 में किन राशियों पर होगा असर? </strong>निम्नलिखित राशियों के जातकों को विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है:</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>1. वृषभ (Taurus):</strong> मानसिक तनाव और पारिवारिक कलह के योग बना है, आर्थिक नुकसान और निवेश में सावधानी जरूरी है नहीं तो नुकसान होना तय है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>2. सिंह (Leo):</strong> आने वाले दिनों में करियर में उतार-चढ़ाव की स्थिति देखने को मिल सकती है. विदेश यात्रा या स्थान परिवर्तन की भी संभावना बन सकती है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>3. कुंभ (Aquarius):</strong> भावनात्मक अस्थिरता और निर्णय लेने में भ्रम पैदा होगा, जिस कारण सही अवसरों का लाभ उठाने में दिक्कत आ सकती है. संबंधों में दूरी और अलगाव के संकेत मिल रहे हैं, सावधान रहें.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>बचाव के उपाय, मंत्र जाप:</strong></p>
<p><strong>राहु के लिए: ‘ॐ राहवे नमः'</strong></p>
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<li style="text-align: justify;"><strong>केतु के लिए: ‘ॐ केतवे नमः'</strong></li>
<li style="text-align: justify;"><strong>गुरु और चंद्र के लिए: ‘ॐ बृस्पतये नमः’ व ‘ॐ चंद्राय नमः'</strong></li>
</ul>
<p style="text-align: justify;"><strong>विशेष पूजन:</strong></p>
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<li style="text-align: justify;">नाग पंचमी के दिन नागदेव की पूजा करें.</li>
<li style="text-align: justify;">गजकेसरी योग के प्रभाव को बढ़ाने के लिए गुरुवार को व्रत रखें और गरीबों को चना दाल दान करें.</li>
</ol>
<p style="text-align: justify;"><strong>रत्न:</strong></p>
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<li style="text-align: justify;">राहु के प्रभाव को शांत करने के लिए गोमेद (हसोनाइट).</li>
<li style="text-align: justify;">गुरु के प्रभाव के लिए पुखराज (टॉपाज़).</li>
</ol>
<p style="text-align: justify;">हर योग का अपना असर होता है, लेकिन जब दो शक्तिशाली योग, एक शुभ और एक अशुभ,सामने आते हैं, तो परिस्थिति जटिल हो जाती है. 2025 में कालसर्प और गजकेसरी योग का मिलन एक अद्भुत ज्योतिषीय घटना है, और यदि आप सावधानी बरतें, तो इस समय को साधन और आत्मनिर्माण का जरिया बना सकते हैं.</p>
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