लैपटॉप की बैटरी से 8 साल तक घर की बिजली का लिया काम, शख्स के जुगाड़ ने हिला दिया पूरा सिस्टम

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Image Source : फाइल फोटो
खराब लैपटॉप की बैटरी को भी कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है।

लैपटॉप का इस्तेमाल इतना ज्यादा बढ़ चुका है अब यह लगभग हर घर में देखने को मिल जाएगा। लैपटॉप जैसे-जैसे पुराना होता है इसकी परफॉर्मेंस भी डाउन होने लगती है। जब यह पूरी तरह से खराब हो जाता है तो लोग इसे फेक देते हैं। लेकिन, क्या आपको मालूम है कि खराब हुए लैपटॉप की बैटरी से घर में बिजली का काम लिया लिया जा सकता है। हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने सभी को हैरान कर दिया। एक शख्स ने खराब लैपटॉप की बैटरी से करीब 8 साल तक अपने घर में बिजली की सप्लाई की। 

आपको बता दें कि शख्स ने लैपटॉप की खराब बैटरी का इस्तेमाल करके पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाई और साथ ही यह भी साबित कर दिया  कि इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट को न सिर्फ दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है बल्कि इससे ऊर्जा भी पैदा की जा सकती है। लैपटॉप की खराब बैटरियां ऊर्जा पैदा करने में अहम योगदान दे सकती हैं। 

1000 लैपटॉप की बैटरी का हुआ इस्तेमाल

हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट के मुताबिक ग्लुबक्स नाम के एक व्यक्ति ने करीब 1000 पुराने लैपटॉप की बैटरी को इस्तेमाल करके उन्हें 7000 वॉट के सोलर पैनल के साथ कनेक्ट किया है। उसने लैपटॉप की इन बैटरी के साथ एक ऐसा सिस्टम तैयार कर लिया जिससे वह 8 साल तक अपने घर के लिए सरकारी बिजली की जरूरत नहीं पड़ी।  

रिपोर्ट के मुताबिक शख्स को इस प्रोजेक्ट का आइडिया तब आया जब उन्होंने देखा कि एक व्यक्ति पीसी की बैटरियों की मदद से इलेक्ट्रिक साइकिल चला पा रहा है। इससे प्रेरित होकर ग्लुबक्स ने नवंबर 2016 में इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की। शख्स ने प्रोजेक्ट में सबसे पहले 1.4 किलोवॉट सौर पैनल और एक 24V 460Ah की फोर्कलिफ्ट बैटरी इस्तेमाल किया। ग्लुबक्स ने इस सिस्टम को धीरे-धीरे इतना ज्यादा एडवांस बना लिया कि इससे पूरे घर को बिजली मिलने लगी।

ग्लुबक्स की तरफ से शुरुआत में इस सिस्टम को एक छोटे से शेड में डिजाइन किया गया था। लेकिन, अब यह एक लॉर्ज स्केल वाला डेवलप्ड ऊर्जा सिस्टम बन चुका है। आइए आपको बताते हैं कि उन्होंने इस पूरे सिस्टम के लिए किन-किन चीजों का इस्तेमाल किया है।

  1. शख्स ने इसमें 1,000 से अधिक रिसाइकल की गई लैपटॉप बैटरियां यूज की हैं।
  2. 7,000 वॉट कैपेसिटी वाला सोलर सिस्टम।
  3. स्पेशल तरीके से डिजाइन किए गए बैटरी रैक।
  4. सर्दी के सीजन के लिए 440W कैपेसिटी वाला सोलर पैनल।
  5. डेटा निगरानी के लिए Venus GX सिस्टम को तैयार किया गया है।
  6. 56kWh कैपेसिटी वाला पॉवर स्टोर सिस्टम

जानकारी के मुताबिक ग्लुबक्स को इस पूरे सिस्टम को तैयार करने में करीब 10 हजार यूरो का खर्च आया है। आपको यह रकम काफी अधिक लग सकती है लेकिन, अगर कई सालों के सरकारी बिजली खर्च को जोड़ें तो सेटअप तैयार करने की यह कीमत आपको कम लगेगी। ग्लुबक्स के इस सिस्टम ने यह बता दिया कि इलेक्ट्रॉनिक कचरे का इस्तेमाल पर्यावरण को बचाने में भी किया जा सकता है।

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