NSUI Letter To Ministry of External Affairs: विदेशों में पढ़ने गए भारतीय छात्रों के साथ हो रहे नाइंसाफी पर नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) ने मोर्चा खोल दिया है. NSUI के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने विदेश मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर इस मसले पर फौरन एक्शन लेने की मांग की है. दरअसल, विदेशी यूनिवर्सिटीज में भारतीय छात्रों के वीजा और एडमिशन रद्द होने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, जिससे हजारों स्टूडेंट्स का भविष्य दांव पर है.
NSUI ने अमेरिकन इमिग्रेशन लॉयर्स एसोसिएशन (AILA) के आंकड़ों का ज़िक्र करते हुए बताया, ”हाल के महीनों में 327 स्टूडेंट वीजा रद्द हुए, जिनमें से आधे से ज्यादा भारतीय छात्रों के हैं. इतना ही नहीं, अमेरिका की 30 से ज्यादा यूनिवर्सिटीज ने करीब 10,000 भारतीय छात्रों के एडमिशन कैंसिल कर दिए, जबकि इन स्टूडेंट्स को पहले ऑफर लेटर मिल चुका था.”
‘भारतीय छात्रों का अपमान हमारी वैश्विक साख को चोट’
वरुण चौधरी ने इसे बेहद शर्मनाक बताते हुए कहा, “ये सिर्फ कोई छोटी-मोटी गलती नहीं, बल्कि हमारे टैलेंटेड स्टूडेंट्स के साथ बड़ा धोखा है. विदेशों में भारतीय छात्रों का अपमान हमारी वैश्विक साख को चोट पहुंचाता है. सरकार को इसे गंभीरता से लेना होगा.”
NSUI ने विदेश मंत्री से क्या मांग की?
एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर को लिखे पत्र में साफ-साफ मांग की है-
1.विदेशी यूनिवर्सिटीज और सरकारों से तुरंत बातचीत शुरू हो
2. प्रभावित छात्रों को कानूनी मदद और भारतीय दूतावासों से सपोर्ट मिले
हमारे स्टूडेंट्स देश के गौरव – NSUI
वरुण चौधरी ने कहा, “हमारे स्टूडेंट्स देश का गौरव हैं. वो विदेशों में भारत की ताकत और टैलेंट दिखाते हैं. सरकार को उनकी परेशानियों को नजरअंदाज करने की बजाय फटाफट कदम उठाने चाहिए. NSUI ने साफ कर दिया है कि वो इस मुद्दे को हर मंच पर उठाएगी और स्टूडेंट्स के हक के लिए लड़ती रहेगी.
दिल्ली से तमाम स्टूडेंट्स हर साल विदेश पढ़ने जाते हैं. अगर आप या आपके जानने वाले इस तरह की परेशानी से जूझ रहे हैं, तो NSUI की ये पहल आपके लिए उम्मीद की किरण है. NSUI ने विदेश मंत्रालय से अपील की है कि इस मसले को नेशनल प्रायोरिटी बनाया जाए, ताकि भारतीय स्टूडेंट्स को वो इज्जत, सुरक्षा और इंसाफ मिले, जिसके वो हकदार हैं.
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