अगले एक महीने में शेयर बाजार में बड़ी हलचल देखने को मिल सकती है। हाल ही में लिस्ट हुई करीब 22 कंपनियों के एंकर निवेशकों की लॉक-इन अवधि अगले एक महीने में समाप्त हो रही है। इसके चलते शेयर बाजार में 2.36 लाख करोड़ रुपये से अधिक के शेयर ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध हो जाएंगे। इन कंपनियों में हुंडई मोटर इंडिया (Hyundai Motor India), डॉ अग्रवाल हेल्थ केयर (Dr Agarwal’s Health Care), स्विगी (Swiggy), और वार एनर्जीज (Waaree Energies) जैसे नाम शामिल हैं।
क्या होता है एंकर लॉक-इन अवधि?
जब कोई कंपनी इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) लाती है, तो उसमें कुछ बड़े संस्थागत निवेशकों को एंकर निवेशक कहा जाता है। इन निवेशकों के लिए IPO में हिस्सेदारी लेने के बाद एक निश्चित समय तक अपने शेयर नहीं बेचने की शर्त होती है, इसे ही लॉक-इन पीरियड कहा जाता है। यह आमतौर पर 3 या 6 महीने का होता है। जब यह समय पूरा होता है, तो इन शेयरों को फिर ओपन मार्केट में बेचने की अनुमति मिल जाती है।
किन कंपनियों में खुल रहा है लॉक-इन?
नुवामा अल्टरनेटिव एंड क्वाटेंटिव रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन कंपनियों के शेयरों की लॉक-इन अवधि समाप्त हो रही है, उनमें हुंडई मोटर इंडिया, डॉ अग्रवाल्स हेल्थ केयर, स्विगी, वारी एनर्जीज, डेंटा वाटर एंड इंफ्रा, अजाक्स इंजीनियरिंग, डिफ्यूजन इंजीनियर्स, निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस, गोदावरी बायोरिफाइनरीज, हरिओम पाइप, दीपक बिल्डर्स एंड इंजीनियर्स, ब्लू जेट हेल्थ, एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर, होनासा कंज्यूमर (मामाअर्थ), सेलो वर्ल्ड, रेनबो चिल्ड्रेंस मेडिकेयर, ESAF स्मॉल फाइनेंस बैंक, ASK ऑटोमोटिव, ACME सोलर होल्डिंग्स, सैगिलिटी इंडिया और स्टैलियन इंडिया फ्लोरोकेमिकल्स शामिल है।
हुंडई के 50.78 करोड़ शेयरों पर खत्म होगी लॉक-इन
हुंडई मोटर इंडिया ने अक्टूबर 2024 में भारत का अब तक का सबसे बड़ा IPO लॉन्च किया था, जिसकी कुल वैल्यू 27,870 करोड़ रुपये थी। इस कंपनी के 50.78 करोड़ शेयर अब लॉक-इन से मुक्त हो जाएंगे, जिनकी अनुमानित वैल्यू 81,821.65 करोड़ रुपये है। वहीं Stallion India Fluorochemicals, Denta Water & Infra, Dr Agarwal’s Health Care और Ajax Engineering जैसी कंपनियों में 3 महीने के लॉक-इन की समाप्ति हो रही है, जिनके शेयरों की अनुमानित कीमत 659.65 करोड़ रुपये है। बाकी कंपनियों में 6 महीने या उससे ज्यादा समय का लॉक-इन अवधि एक्सपायर हो रही है।
बाजार पर क्या हो सकता है असर?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, लॉक-इन अवधि के बाद अचानक बड़ी मात्रा में शेयर बाजार में उपलब्ध होने से शेयरों की कीमतों पर दबाव पड़ सकता है। हालांकि, यह जरूरी नहीं कि सभी शेयर बेच दिए जाएंगे क्योंकि इनमें से कई हिस्से प्रमोटर और उनके ग्रुप के पास होते हैं, जो आमतौर पर लंबी अवधि निवेश करते हैं।
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