Market views : बाजार में थोड़ी राहत देखने को मिल रही है। इस राहत की वजह क्या है और ये कितने दिन बनी रहेगी इस पर बात करते हुए इंडस्ट्री एक्सपर्ट सुनील सुब्रमणियम ने कहा कि ट्रंप टैरिफ को लेकर सबसे खराब दौर अब पीछे की बात हो गई है। टैरिफ के मोर्चे पर भारत को लेकर खास निगेटिव संकेत नहीं हैं। FIIs मान रहे हैं कि टैरिफ पर ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं होगा। टैरिफ के मोर्चे आगे भी कुछ राहत मिल सकती है।
टैरिफ लगाए गए विराम से पता चलता है कि ट्रंप दूसरी आवाजों को भी सुनते और समझते हैं। उन्होंने अपने बॉन्ड मार्केट की आवाज सुन ली है। दूसरी देशों के काउंटर अटैक की आवाज भी उनके कानों में चली गई है। ऐसे में अभी तो हमें सिर्फ 90 दिनों का एक विराम देखने को मिला है। आगे इस मोर्चे पर और राहत मिल सकती है।
सुनील सुब्रमणियम की राय है कि लार्ज कैप शेयरों के वैल्यूएशन अच्छे हुए हैं लेकिन मिड और स्मॉल कैप शेयर अभी भी महंगे हैं। लेकिन मिड और स्मॉलकैप से अच्छे नतीजों की उम्मीद है। अगर ये उम्मीद पूरी हो जाती है तो मिड और स्मॉलकैप के वैल्यूएशन भी अच्छे हो जाएंगे। मिड और स्मॉलकैप ज्यादातर घरेलू इकोनॉमी से जुड़े होते हैं। अब हमारी घरेलू इकोनॉमी में तेजी लौटती दिख रही है। अगर हमारी इकोनॉमी मजबूत होती है तो मिड और स्मॉलकैप में और तेजी आ सकती है।
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सुनील ने आगे कहा कि बाजार के लिए कई पॉजिटिव फैक्टर थे लेकिन ट्रंप के टैंट्रम के कारण सारा माहौल खराब हो गया। ट्रंप टैरिफ के मुद्दे पर स्पष्टता आने पर बाजार पर एक बार फिर से इन पॉजिटिव फैक्टर्स का असर देखने को मिलेगा। बजट में मिली 1 लाख करोड़ की टैक्स छूट, आरबीआई के रुख में बदलाव और ब्याज दरों में कटौती जैसे पॉजिटिव फैक्टर टैरिफ के शोर में दब गए थे। लेकिन टैरिफ के शोर के थमते ही ये पॉजिटिव फैक्टर फिर से बाजार पर अपना असर दिखाएंगे। इसके अलावा भारत को अच्छे मानसून, डॉलर में कमजोरी, कच्चे तेल में नरमी और अमेरिका में मंदी के कारण दरों में होने वाली कटौती का भी फायदा मिलेगा। इससे एफआईआई एक बार फिर भारत की तरफ रुख करते दिख सकते हैं।
सुनील ने कहा कि बाजार के लिए कई पॉजिटिव फैक्टर थे लेकिन ट्रंप के टैंट्रम के कारण सारा माहौल खराब हो गया। ट्रंप टैरिफ के मुद्दे पर स्पष्टता आने पर बाजार पर एक बार फिर से इन पॉजिटिव फैक्टर्स का असर देखने को मिलेगा
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