Editor’s Take: अमेरिकी फेडरल रिज़र्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल का ताज़ा बयान वैश्विक बाज़ारों में हलचल ला सकता है. पॉवेल ने टैरिफ वॉर यानी अमेरिका-चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध को लेकर गहरी चिंता जताई है. उन्होंने साफ किया कि यह स्थिति न केवल वैश्विक व्यापार को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि अमेरिका की आर्थिक स्थिरता के लिए भी एक बड़ा खतरा बन चुकी है. मार्केट गुरु अनिल सिंघवी ने कहा कि फेड चेयरमैन के मुताबिक, बेरोजगारी और महंगाई दोनों के बढ़ने का खतरा अब वास्तविक है, और यदि हालात नहीं सुधरे तो अमेरिकी ग्रोथ पर गंभीर असर पड़ सकता है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि अमेरिका की मौजूदा सरकारी नीतियों की अनिश्चितता अर्थव्यवस्था को कमजोर बना रही है.
अमेरिकी इकॉनमी पर क्या है नजरिया?
पॉवेल ने माना कि तमाम आर्थिक दबावों और अनिश्चितताओं के बावजूद अब तक अमेरिका की इकोनॉमी मजबूत बनी हुई है. लेकिन यहां एक बड़ा संकेत भी छिपा है—ट्रंप सरकार का दबाव होने के बावजूद, फेडरल रिज़र्व ब्याज दरों में कटौती नहीं करेगा, क्योंकि मुद्रास्फीति और रोजगार के आंकड़े अभी उसे रोकते हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो अमेरिका की नीतिगत संस्थाएं खुद आपस में उलझी हुई हैं. ऐसे मुश्किल समय में जब सरकार और केंद्रीय बैंक को मिलकर काम करना चाहिए, वहां दोनों के सुर अलग-अलग हैं.
टैरिफ वॉर की नई चाल और भारत के लिए मौका
ट्रंप प्रशासन ने चीन के कई उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाकर 245% तक कर दिए हैं. इसका असर सिर्फ चीन पर नहीं, बल्कि अमेरिका की खुद की सप्लाई चेन पर भी पड़ रहा है. चीन की ओर से अब तक कोई बड़ा समझौतावादी संकेत नहीं आया है. इस स्थिति में भारत के लिए दरवाज़े खुलते दिख रहे हैं.
अमेरिकी उपराष्ट्रपति का 21 अप्रैल को भारत दौरा इस ओर साफ इशारा करता है कि अमेरिका भारत के साथ रिश्तों को और मज़बूत करना चाहता है. भारत इकलौता देश है जहां अमेरिका ने बातचीत के लिए अपने उपराष्ट्रपति को भेजने का फैसला लिया है. टैरिफ वॉर की इस राजनीति में भारत के लिए पॉजिटिव संकेत ज्यादा हैं, और जोखिम कम.
Buy on Dip, लेकिन संभलकर
टैरिफ वॉर की चिंताओं के बीच बाजार में गैप डाउन ओपनिंग की आशंका बनी हुई है. इसके साथ ही आज वीकली एक्सपायरी और लंबा वीकेंड होने के कारण थोड़ी अतिरिक्त सावधानी जरूरी है. अनिल सिंघवी ने कहा कि गिरावट में बैंक निफ्टी खरीदना बेहतर सौदा हो सकता है. Nifty को 23200 और Bank Nifty को 52375 के नीचे बंद होता देखें तो तेजी की पोजीशन से बाहर हो जाएं. अगर Nifty 23550 और Bank Nifty 53350 के ऊपर बंद होता है, तो बाजार में मजबूती बढ़ेगी. FIIs की खरीदारी से बाजार को नीचे में सपोर्ट मिलेगा, लेकिन ऊपरी स्तरों पर प्रॉफिट बुकिंग ज़रूरी है.
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