Stocks to Watch: Paytm से लेकर BHEL और Wipro तक कुछ कंपनियों ने ऐसे फैसले लिए हैं, जो उनके स्टॉक को रडार पर ले आए हैं। कहीं ग्रीन हाइड्रोजन की नई टेक्नोलॉजी है, तो कहीं टैक्स विवाद से मिली राहत। कुछ कंपनियां विदेशी फंडिंग जुटा रही हैं, तो कुछ अपना पोर्टफोलियो साफ कर रहीं हैं। इन सबका सीधा असर स्टॉक प्राइस पर हो सकता है। इन अपडेट को समझिए और तय कीजिए कि अगला मजबूत दांव किस पर लगाना है।
Paytm के फाउंडर विजय शेखर शर्मा ने अपने 2.1 करोड़ शेयर (करीब ₹1,800 करोड़ कीमत के) कंपनी को लौटा दिए हैं। ये शेयर उन्हें One97 Communications (Paytm की पैरेंट कंपनी) के लिस्टिंग के वक्त ESOP स्कीम के तहत मिले थे। इसे एक बड़ा फैसला माना जा रहा है, जिससे कंपनी की छवि और शेयरधारकों का भरोसा मजबूत हो सकता है।
Wipro ने मार्च तिमाही में अच्छा मुनाफा दिखाया। ₹3,569.6 करोड़, जो पिछले साल के मुकाबले करीब 26% ज्यादा है। लेकिन कंपनी ने यह भी अनुमान दी है कि अगली तिमाही (Q1FY26) में उसकी आईटी सर्विस से होने वाली कमाई में 3.5% तक गिरावट आ सकती है। इसकी वजह है, ग्लोबल मार्केट में अनिश्चितता।
भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) ने BARC (भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर) से खास टेक्नोलॉजी लेने का एग्रीमेंट किया है। यह तकनीक ग्रीन हाइड्रोजन बनाने में मदद करेगी, जो भविष्य की साफ-सुथरी एनर्जी मानी जा रही है। इससे भारत का ग्रीन एनर्जी मिशन और तेज हो सकता है।
रेलवे की फाइनेंस कंपनी IRFC को ₹230 करोड़ से ज्यादा के टैक्स विवाद में राहत मिली है। मद्रास हाईकोर्ट ने पुराने टैक्स डिमांड को खारिज कर दिया और मामले की दोबारा जांच के लिए कहा है। इससे कंपनी के लिए फिलहाल बड़ा झटका टल गया है।
इस होम लोन देने वाली कंपनी ने ₹1,250 करोड़ जुटाए हैं, जो कि 2021 में हुए IPO के बाद इसकी पहली बड़ी फंडिंग है। QIP के जरिए कंपनी ने विदेशी और भारतीय बड़े संस्थागत निवेशकों को शेयर बेचे हैं। इससे कंपनी के विस्तार की संभावनाएं बढ़ेंगी।
UltraTech ने सोलर पावर बनाने वाली एक कंपनी (AMPIN C&I Power Eight Pvt Ltd) में 26% हिस्सेदारी खरीदने का फैसला लिया है। ₹25.5 करोड़ की इस डील से UltraTech अपने प्लांट्स में रिन्यूएबल एनर्जी का इस्तेमाल और बढ़ा सकेगा।
DLF ने कोलकाता की अपनी एक बड़ी प्रॉपर्टी को ₹693 करोड़ में बेचने का फैसला किया है। इसमें जमीन और ऑफिस वाली एक बड़ी बिल्डिंग शामिल है। यह डील Srijan Group के साथ हुई है। DLF का कहना है कि यह प्रॉपर्टी उनके मेन बिजनेस का हिस्सा नहीं थी, और इससे उन्हें फोकस शार्प करने और कैश फ्लो बढ़ाने में मदद मिलेगी।
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