नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को मौलवियों और मुस्लिम धर्म गुरुओं के साथ बैठक कीं। इस दौरान उन्होंने वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा कि मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि अगर भाजपा की बात पर उत्तेजित होकर बंगाल में कोई अशांति पैदा करना चाहता है तो उसे नियंत्रित करें।
पढ़ें :- Tamil Nadu Politics : AIADMK प्रमुख का बयान फेल कर सकता है बीजेपी का प्लान, क्या गठबंधन खतरे में?
ममता बनर्जी ने कहा कि, हम सर्व धर्म समभाव में विश्वास करते हैं। मैं रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद में विश्वास करती हूं। मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि अगर भाजपा की बात पर उत्तेजित होकर बंगाल में कोई अशांति पैदा करना चाहता है तो उसे नियंत्रित करें, जब हम दुर्गा पूजा मनाते हैं, तो वे कहते हैं कि हम मनाने नहीं देते। घर-घर में सरस्वती पूजा मनाई जाती है, और वे कहते हैं कि हम ऐसा नहीं करने देते हैं। सबको सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए, यही परंपरा है।
इसके साथ ही उन्होंने इंडिया गठबंधन से एकजुट होने की अपील की और कहा कि, आइए साथ मिलकर साहसपूर्वक लड़ें। यह कोई व्यक्तिगत मामला नहीं है, इसका प्रभाव हर किसी पर पड़ेगा। आज आपके खिलाफ हो रहा है कल किसी और के खिलाफ होगा। अब ये UCC लाना चाहते हैं, आप मुसलमानों के खिलाफ हैं लेकिन सऊदी अरब में आप मुसलमानों से मिलते हैं। अगर आप दुबई, UAE जाते हैं तो आप वहां किसकी मेहमाननवाजी लेते हैं। आप अपने देश में एक बात और बाहर दूसरी बात करते हैं।
ममता बनर्जी ने इस दौरान केंद्र में मोदी सरकार को सपोर्ट करने वाले नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि, केंद्र में भाजपा के पास अकेले बहुमत है क्या? आपके पास नहीं है, फिर भी आप ये सब करते हैं। आज देखिए, चंद्रबाबू नायडू चुपचाप बैठे हैं। नीतीश बाबू चुपचाप बैठे हैं, पूरा समर्थन दे रहे हैं। क्यों? क्योंकि भाजपा उन्हें कुछ शक्ति दे देगी। क्या आप इस शक्ति के लिए अपना दिल और खून भी दे देंगे? क्या आपको उन्हें वोट देना चाहिए था?
उन्होंने आगे कहा, अगर वक्फ एक्ट में बदलाव करना है तो आपने संविधान संशोधन क्यों नहीं किया? इस एक्ट को दो तिहाई बहुमत से पास होना चाहिए। सिर्फ़ बहुमत से पास नहीं होता। जब संविधान संशोधन होता है तो दो तिहाई बहुमत से होता है, सिर्फ़ बहुमत से नहीं, लेकिन आपने चाल चली। संविधान संशोधन करने की बजाय आप बिल ले आए।
पढ़ें :- अमेठी बीएसए का आदेश शिक्षा विभाग की नीयत और गंभीरता पर खड़े कर दिए सवाल, अभिभावक असमंजस में
Read More at hindi.pardaphash.com