‘3 इंजन, 14 डिब्बे और 400 यात्री’, भारत की पहली कमर्शियल ट्रेन पर क्या बोले राजीव शुक्ला?

लोगों की लाइफ लाइन कही जानी वाली भारतीय रेलवे का काफी पुराना इतिहास है। देश के कोने-कोने तक रेल लाइन का जाल बिछा हुआ है। लोग अक्सर ट्रेनों से ही लंबी दूरी तय करते हैं। अंग्रजों के समय में देश में रेलवे का विकास हुआ था। आज के दिन यानी 16 अप्रैल को पहली ट्रेन चली थी, जिसे भारतीय रेल परिवहन दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसे लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला ने भी एक्स पर पोस्ट किया है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला ने कहा कि 3 इंजन, 14 डिब्बे और 400 यात्री। 16 अप्रैल 1853 को भारत की पहली कमर्शियल ट्रेन बॉम्बे से ठाणे तक चली। आज भारत का सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का नियोक्ता भारतीय रेलवे देश की लाइफ लाइन बना हुआ है- एक ऐसी विरासत जो लाखों लोगों को जोड़ती है और प्रगति को गति देती है।

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16 अप्रैल 1853 को चली थी भारत की पहली ट्रेन

देश में चलाई गई पहली ट्रेन का नाम डेक्कन क्वीन था, जिसमें कुल 14 बोगियां थीं। डेक्कन क्वीन ट्रेन साल 1853 में आज के दिन 16 अप्रैल को दोपहर 3.30 बजे बोरीबंदर ( छत्रपति शिवाजी टर्मिनल स्टेशन) से चली थी और अपने गंतव्य स्थान पर शाम 4.45 बजे पहुंची थी। इस ट्रेन में 400 यात्री थे और इस ट्रेन में 3 इंजन का इस्तेमाल किया गया था। भारतीय रेलवे की यह एक बड़ी उपलब्धि थी।

पहली ट्रेन ने 1.15 घंटे में 34 किमी का तय किया था सफर

अंग्रेजों ने लोगों की जरूरत के लिए नहीं, बल्कि व्यापार के लिए रेलवे का नेटवर्क बिछाया था। भारत की पहली ट्रेन ने 1.15 घंटे में 34 किलोमीटर का सफर तय किया था। तालियों की गड़गड़ाहट और 21 तोपों की सलामी के साथ देश की पहली ट्रेन का वेलकम किया गया था।

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Apr 16, 2025 20:15

Edited By

Deepak Pandey

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