टैरिफ के बाद डोनाल्ड ट्रंप के निशाने पर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, कहा- इस पर टैक्स लगाया जाना चाहिए, जानें क्या है पूरा मामला

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को चेतावनी दी कि अगर वह ‘राजनीतिक, वैचारिक और आतंकवाद से प्रेरित नफरत’ को बढ़ावा देती रही तो उसका कर-मुक्त दर्जा खत्म किया जा सकता है। दरअसल, दुनिया के सबसे नामचीन शिक्षा संस्थानों में शुमार हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यालय ने मांगों की एक सूची भेजी थी। यूनिवर्सिटी ने उन मांगों को अस्वीकार कर दिया था।

क्या कहा ट्रंप ने?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को दी गई टैक्स छूट खत्म करने की बात कही। उन्होंने ट्रुथ सोशल पर लिखा कि यूनिवर्सिटी को दी गई टैक्ट छूट पर फिर से विचार किया जा सकता है। ट्रंप का कहना है कि अगर यूनिवर्सिटी पॉलिटिकल, वैचारिक और आतंकवाद के समर्थन को बढ़ावा देना जारी रखती है तो उस पर पॉलिटिकल यूनिट की तरह टैक्स लगाया जाना चाहिए। ट्रंप ने अपने समर्थकों को याद दिलाया कि टैक्स छूट का दर्जा सार्वजनिक हित में काम करने पर निर्भर है। अमेरिका में कई अन्य शैक्षणिक संस्थानों की तरह हार्वर्ड को भी वर्तमान में टैक्स छूट का दर्जा हासिल है। यह दर्जा उन संगठनों को दिया जाता है, जो सार्वजनिक हित में काम करते हैं, जैसे कि शैक्षणिक और धार्मिक संस्थान।

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क्या है मामला?

डोनाल्ड ट्रंप ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को एक चिट्ठी लिखकर मांग की थी कि विश्वविद्यालय परिसर में विविधता पर विचारों का ऑडिट करे और कुछ छात्र क्लबों को मान्यता देना बंद करें। ट्रंप प्रशासन ने 3 अप्रैल को यूनिवर्सिटी के सामने मांग रखी थी कि यूनिवर्सिटी के गवर्नेंस, एडमिशन और हायरिंग प्रोसेस पर सरकार को नियंत्रण दिया जाए और इनमें बड़ा बदलाव किया जाए। इसके अलावा डाइवर्सिटी ऑफिस बंद करने और अंतरराष्ट्रीय छात्रों की जांच में इमिग्रेशन अफसरों की मदद करने की मांग भी रखी गई थी।

हार्वर्ड ने खारिज की ट्रंप की मांग

हार्वर्ड ने इन मांगों को गैरकानूनी और असंवैधानिक बताते हुए खारिज कर दिया था। इसके बाद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट एलन गार्बर ने छात्रों और फैकल्टी को लिखे एक ओपन लेटर में कहा कि यूनिवर्सिटी सरकार के आगे नहीं झुकेगी और अपनी स्वतंत्रता और संवैधानिक अधिकारों को लेकर कोई समझौता नहीं करेगी। एलन गार्बर ने पत्र में लिखा, ‘कोई भी सरकार, चाहे कोई भी पार्टी सत्ता में हो, यह तय नहीं कर सकती कि निजी विश्वविद्यालय क्या पढ़ा सकते हैं, वे किसे प्रवेश दे सकते हैं और किसे काम पर रख सकते हैं और वे किस क्षेत्र में अध्ययन और जांच कर सकते हैं।’

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ट्रंप ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी पर लिया एक्शन

ट्रंप प्रशासन यूनिवर्सिटी पर परिसर में राजनीतिक सक्रियता को रोकने के लिए दबाव डाल रहा है। इससे पहले ट्रंप ने सोमवार को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की 2.2 अरब डॉलर (करीब 18 हजार करोड़ रुपये) की फंडिंग पर रोक लगा दी। ट्रंप की ‘जॉइंट टास्क फोर्स टु कॉम्बैट एंटी-सेमिटिज्म’ ने बयान जारी कर कहा कि हार्वर्ड को मिलने वाली 2.2 अरब डॉलर की मल्टी-ईयर ग्रांट और 6 करोड़ डॉलर की सरकारी कॉन्ट्रैक्ट की फंडिंग रोक दी गई है। टास्क फोर्स ने कहा कि हार्वर्ड का बयान हमारे देश की सबसे बेहतर यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों में फैली एक चिंताजनक मानसिकता को दर्शाता है। ये दिखाता है कि वे सरकारी फंडिंग तो पाना चाहते हैं, लेकिन कानूनों का पालन करने की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते हैं।

गाजा युद्ध को लेकर इजरायल के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन बनी वजह

बता दें कि अमेरिका के कई यूनिवर्सिटी कैंपस में गाजा में युद्ध को लेकर इजरायल के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हुए थे। इनमें से कुछ विरोध-प्रदर्शन हिंसक भी हुए थे। गाजा युद्ध में 50,000 से अधिक लोगों की मृत्यु के बावजूद अमेरिका इजरायल का सबसे करीबी सहयोगी बना हुआ है। इससे पहले कोलंबिया यूनिवर्सिटी को ट्रप प्रशासन की ओर से इसी तरह की मांगों के साथ निशाना बनाया गया था, जिसे संस्थान ने स्वीकार कर लिया था।

Current Version

Apr 15, 2025 21:09

Edited By

Satyadev Kumar

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