नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया-राहुल की बढ़ी मुश्किलें, सचिन पायलट बोले-देश में चल रही बदले की राजनीति

नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर शिकंजा कसते हुए मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपपत्र दायर किया है। जांच एजेंसी की ओर दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया गया है। ईडी ने दोनों नेताओं को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी बनाया है। आरोपपत्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा, सुमन दुबे समेत कई नेताओं के नाम भी शामिल हैं। ईडी की इस कार्रवाई के बाद कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गयी है।

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कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि, CPP चेयरपर्सन सोनिया गांधी जी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जी के खिलाफ ED की कार्रवाई और आरोप पत्र दाखिल करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। देश में चल रही बदले की राजनीति और विपक्षियों पर आरोप लगाना भाजपा की निम्न मानसिकता का एक और उदाहरण है।

उन्होंने आगे लिखा, जिस परिवार ने इस देश की सेवा में अपना जीवन समर्पित किया, अपने प्रियजनों को शहीद होते हुए देखा-उसी परिवार के सम्मानित सदस्यों को राजनीतिक प्रतिद्वंदता के चलते दबाने की साजिश रची जा रही है। भाजपा लगातार राजनीतिक विरोधियों को एजेंसियों के माध्यम से निशाना बना रही है, जो एक प्रकार का प्रायोजित उत्पीड़न है। कांग्रेस का नेतृत्व इन षड्यंत्रों के सामने कभी नहीं झुकेगा। हम लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।

वहीं, जयराम रमेश ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि, नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों को ज़ब्त करना कानून के शासन का मुखौटा ओढ़कर एक राज्य प्रायोजित अपराध है। सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करना, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री द्वारा की गई बदले की राजनीति और डराने-धमकाने की कोशिश के अलावा कुछ नहीं है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और उसका नेतृत्व चुप नहीं बैठेगा। सत्यमेव जयते!

इसके साथ ही अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि, नेशनल हेराल्ड के विषय में जो प्रक्रियाएं हो रही हैं, वो नई नहीं हैं, क्योंकि जब ये केस शुरू हुआ था, तभी हमने कहा था कि ये बड़ा विचित्र मामला है। यह केस बिना एक रुपए, बिना एक रुपए की प्रॉपर्टी के स्थानांतरण के शुरू हुआ है। नेशनल हेराल्ड की पुरानी प्रॉपर्टी को मैनेज करने के लिए एक नॉट फॉर प्रॉफिट-सेक्शन 8 की कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया गांधी जी और अन्य लोग जुड़े हुए थे। इसमें ना डिविडेंड दिया जा सकता है और ना ही कमर्शियल ट्रांजैक्शन हो सकता है। इस कड़ी में एक मनगढ़ंत और झूठा केस रचा गया है। उसी श्रृंखला में चार्जशीट दाखिल करने की भी प्रक्रिया हुई है। शुरुआत से इस मामले का कानूनी रूप से सामना किया जा रहा है। यह एक फेक मामला है, जिसमें कोई भी तथ्य नहीं है। अंततोगत्वा इस मामले में कोर्ट अपनी स्पष्टता रखेगा। इस केस को राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से चलाया जा रहा है, जो दिख रहा है।

 

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