पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में भड़की हिंसा पर ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के अध्यक्ष सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि हिंसा कहीं पर भी हो वो समाज के हित में नहीं होती, देश के हित में नहीं होती. हिंसा की निंदा तो सभी करते हैं लेकिन मैं तमाम लोगों से अपील करूंगा कि शांति बनाए रखें. इस वक्फ कानून में कोई भी ऐसी बात नहीं है जिससे आपके महजबी मामलात को कोई नुकसान होता हो या हमारी वक्फ की संपत्ति को नुकसान होता हो.
‘किसी का राजनीतिक मोहरा नहीं बनाना चाहिए’
न्यूज़ एजेंसी ANI से बातचीत में उन्होंने कहा, “हमें सरकार पर यकीन रखना चाहिए. देश के संविधान पर यकीन रखना चाहिए और किसी के बहकावे में नहीं आना चाहिए. किसी के हाथों की कठपुतली नहीं बनना चाहिए. खासकर मैं देश के मुसलमानों से अपील करूंगा कि जब-जब आपके विकास या आपके अधिकारों के सुरक्षा की बात हुई है, आपको राजनीतिक मोहरा बनाया गया है. आपको किसी का राजनीतिक मोहरा नहीं बनाना चाहिए.”
#WATCH | Ajmer, Rajasthan | On violence in West Bengal, during protest against #WaqfAmendmentAct, Syed Naseruddin Chishty, Chairman, All India Sufi Sajjadanashin Council says, “Violence is never in the interest of society or country. Everyone condemns violence but I would like to… pic.twitter.com/3WBP83SLJB
— ANI (@ANI) April 15, 2025
बता दें कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान (11 अप्रैल) को हिंसा भड़क गई थी. इसके बाद कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद में सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है. हिंसा मामले में अभी तक 210 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस प्रशासन अलर्ट है. प्रभावित इलाकों में धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है.
बंगाल हिंसा के न्यायिक जांच की मांग
इस बीच मंगलवार (15 अप्रैल) को सीपीआईएम ने बंगाल में हुए हिंसा की न्यायिक जांच की मांग की गई है. सीपीएम पश्चिम बंगाल के सेक्रेटरी मोहम्मद सलीम ने कहा कि कलकत्ता हाई कोर्ट के सिटिंग जज से इनकी न्यायिक जांच होनी चाहिए. सीपीएम नेता ने आरोप लगाया कि टीएमसी और बीजेपी दोनों ही धार्मिक आधार पर लोगों को बांटने की कोशिश कर रही है.
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