Video-तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने छात्रों से कॉलेज में लगवाया ‘जय श्री राम’ का नारा, मचा बवाल, DMK ने उठाए सवाल

चेन्नई: तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि (Tamil Nadu Governor RN Ravi) अपनी विवादास्पद टिप्पणियों और कार्यों के लिए जाने जाते हैं। आरएन रवि (RN Ravi) एक बार फिर मीडिया की सुर्खियों में हैं। इस बार मामला धार्मिक नारे से जुड़ा है। इस बार राज्यपाल अब छात्रों को भी ‘जय श्री राम’ का पाठ पढ़ाने लगे हैं? मदुरै के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में छात्रों को खुलेआम यह नारा लगाने के लिए कहकर उन्होंने एक नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है।

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दरअसल मदुरै के त्यागराज इंजीनियरिंग कॉलेज (Thyagaraj College of Engineering) में एक कार्यक्रम के लिए मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किए गए राज्यपाल ने कथित तौर पर छात्रों से ‘जय श्री राम’ के नारे (Jai Shri Ram Slogan) लगाने का आग्रह किया। इसके बाद DMK ने उन पर सवालों की बौछार कर दिया है। वहीं शिक्षाविदों के संगठन स्टेट प्लेटफॉर्म फॉर कॉमन स्कूल सिस्टम – तमिलनाडु (SPCSS) ने राज्यपाल आरएन रवि (Governor RN Ravi) को पद से हटाने की मांग की है।

SPCSS ने तमिलनाडु राज्यपाल पर उठाए सवाल

SPCSS ने एक बयान में कहा कि राज्यपाल को 12 अप्रैल को एक सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेज द्वारा साहित्यिक प्रतियोगिता में विजेताओं को पुरस्कार वितरित करने के लिए मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। हालांकि अपने संबोधन के दौरान उन्होंने छात्रों से एक विशेष धर्म के भगवान का नाम तीन बार जपने को कहा।

SPCSS ने कहा, कि तमिलनाडु राज्य के  राज्यपाल आर.एन. रवि (Tamil Nadu Governor RN Ravi) को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। उन्हें किसी विशेष धर्म के प्रचारक के रूप में आमंत्रित नहीं किया गया था। उन्हें धार्मिक उपदेश देने के लिए नहीं कहा गया था। राज्यपाल के आचरण की कड़ी निंदा करते हुए SPCSS ने बताया कि जिस कॉलेज में उन्होंने छात्रों से धार्मिक नारे लगवाए वह तमिलनाडु सरकार और भारत सरकार द्वारा प्रदान की गई अनुदान सहायता से चल रहा था।

SPCSS ने आगे कहा, कि शिक्षा एक धर्मनिरपेक्ष गतिविधि है। शैक्षणिक संस्थानों के प्रबंधन सरकार के प्रतिनिधि हैं। उनकी जिम्मेदारी भारत के संविधान के दृष्टिकोण और प्रावधानों के अनुसार शिक्षा प्रदान करना है। कक्षा की गतिविधियों और आधिकारिक समारोहों में छात्रों को कोई धार्मिक निर्देश नहीं दिया जाना चाहिए और किसी को भी छात्रों को किसी विशेष धर्म के भगवान का नाम जपने का निर्देश नहीं देना चाहिए।

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