DII और FII ने मार्च में की जमकर खरीदारी! शेयर बाजार में मिलकर निवेश किए 5 अरब डॉलर FII-DII investment in India March 2025: विदेशी और घरेलू निवेशकों ने मार्च में शेयर बाजार में जमकर निवेश किया. इस दौरान विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) और घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) दोनों शुद्ध खरीदार रहे. एप में देखें

FII-DII investment in India March 2025: विदेशी और घरेलू निवेशकों ने मार्च में शेयर बाजार में जमकर निवेश किया. इस दौरान विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) और घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) दोनों शुद्ध खरीदार रहे. यह जानकारी एक नई रिपोर्ट में गुरुवार को दी गई.  जेएम फाइनेंशियल सिक्योरिटीज की रिपोर्ट में बताया गया कि बीते महीने एफआईआई ने 975 मिलियन डॉलर और डीआईआई ने 4.3 बिलियन डॉलर का निवेश भारतीय इक्विटी बाजार में किया है.

आखिरी हफ्ते में 3.6 अरब डॉलर का निवेश

मार्च की शुरुआत से लेकर 19 तारीख तक, एफआईआई शेयर बाजार में शुद्ध विक्रेता थे, लेकिन आखिरी हफ्तों में विदेशी निवेशकों ने बड़े स्तर पर खरीदारी की और इक्विटी मार्केट में 3.6 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया.

रिपोर्ट में कहा गया कि इस बदलाव के कारण भारतीय शेयर बाजार में एफआईआई की हिस्सेदारी बढ़कर 16.8 प्रतिशत हो गई है, जो कि फरवरी में 15.9 प्रतिशत थी.

इन सेक्टर्स में हुआ सबसे ज्यादा निवेश

जिन सेक्टरों ने सबसे अधिक विदेशी निवेश आकर्षित किया, उनमें बैंकिंग, वित्तीय और बीमा सेवाएं (बीएफएसआई), दूरसंचार और मेटल शामिल थे. बीएफएसआई में 1.7 बिलियन डॉलर, टेलीकॉम में 360 मिलियन डॉलर और मेटल में 219 मिलियन डॉलर का एफआईआई इनफ्लो आया है. अन्य सेक्टर जिन्होंने निवेशकों का ध्यान खींचा है. उनमें रियल्टी, केमिकल, मीडिया और फार्मा का नाम शामिल है.

इन सेक्टर्स में है 60 फीसदी होल्डिंग्स 

रिपोर्ट में बताया गया कि एफआईआई की 60 प्रतिशत से अधिक होल्डिंग्स बीएफएसआई, आईटी, ऑयल एंड गैस, ऑटो और फार्मा में थी. रिपोर्ट के अनुसार, भारत में एफआईआई की कुल एसेट्स में मार्च में बीएफएसआई की हिस्सेदारी बढ़कर 31.2 प्रतिशत हो गई है, जो कि फरवरी में 30.8 प्रतिशत थी. फार्मा की हिस्सेदारी बढ़कर 6.9 प्रतिशत हो गई है, जो कि पहले 6.8 प्रतिशत थी.

एफआईआई की होल्डिंग में आईटी की हिस्सेदारी मार्च में घटकर 9 प्रतिशत हो गई है, जो कि फरवरी में 9.9 प्रतिशत थी. वहीं, ऑटो की हिस्सेदारी 7 प्रतिशत से घटकर 6.7 प्रतिशत रह गई है.हालांकि, ऑयल एंड गैस की हिस्सेदारी में कोई बदलाव नहीं हुआ है.

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