Mathematics vs Astrology: ज्योतिष सिर्फ राशिफल तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका सीधा संबंध गणित, खगोल विज्ञान और समय गणना से है. प्राचीन समय में जब लोग तारों और ग्रहों को देखने लगे, तब ज्योतिष की नींव पड़ी. लेकिन उसी ज्योतिष को सही तरीके से समझने के लिए गणित का जन्म हुआ! कैसे ज्योतिष और गणित एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं और किसका जन्म पहले हुआ. यह रहस्य आपको हैरान कर सकता है. गणित और ज्योतिष में कौन प्राचीन है? जानें धर्म, विज्ञान और ऐतिहासिक तथ्यों के ज़रिए चौंकाने वाली सच्चाई.
ज्योतिष पहले आया या गणित? ऐतिहासिक प्रमाण क्या कहते हैं
Histories of Scientific Thought, Michel Serres के अनुसार 3000 ईसा पूर्व बेबीलोनियन सभ्यता में खगोलीय गणनाएं और ज्योतिष की शुरुआत हुई. उन्होंने ग्रहों की गति को समझने के लिए 60-आधारित गणना प्रणाली विकसित की, जिससे बाद में समय की गणना (घंटे, मिनट, सेकंड) बनी.
भारतीय ज्योतिष और गणित
The History of Hindu Mathematics के लेखक बिभूतिभूषण दत्ता और अवधेश नारायण सिंह (Bibhutibhushan Datta & Avadhesh Narayan Singh) के अनुसार ऋग्वेद (1500 ईसा पूर्व) और यजुर्वेद में नक्षत्रों और ग्रहों की स्थिति के आधार पर समय मापन का उल्लेख है. आर्यभट्ट (5वीं सदी) ने पाई (π) की गणना और “शून्य” का प्रयोग किया, जिससे ग्रहों की गति को मापने में मदद मिली. वराहमिहिर (6वीं सदी) ने पंचांग (Ephemeris) विकसित किया, जो आधुनिक खगोल विज्ञान की नींव बना.
ग्रीक और इस्लामिक गणित और ज्योतिष
प्लेटो (Plato) और अरस्तू (Aristotle) ने ग्रहों की गति को ज्योतिष और गणित से जोड़ने की कोशिश की. तो अल-ख्वारिज़्मी (9वीं सदी) ने गणितीय खगोल विज्ञान (Mathematical Astronomy) पर महत्वपूर्ण शोध किया, जिससे “अल्गोरिदम” शब्द आया.
आधुनिक विज्ञान और ज्योतिष का संबंध
NASA और यूरोपीय स्पेस एजेंसियां ग्रहों और नक्षत्रों की चाल को मापने के लिए वैसे ही खगोलीय गणितीय मॉडल का उपयोग करती हैं, जो प्राचीन भारतीय और बेबीलोनियन ग्रंथों में मिलता है. उदाहरण: चंद्रयान मिशन में चंद्रमा की कक्षा गणना करने के लिए उन्हीं ज्योतिषीय सिद्धांतों से प्रेरित खगोलीय गणनाओं का उपयोग किया गया.
स्टॉक मार्केट और ज्योतिष
प्रसिद्ध इन्वेस्टर W.D. Gann ने शेयर बाजार की गणना करने के लिए ज्योतिषीय गणनाएं और गणित का उपयोग किया. आज भी कई ट्रेडिंग सिस्टम Financial Astrology पर आधारित हैं.
प्रसिद्ध वैज्ञानिकों का दृष्टिकोण
आइज़ैक न्यूटन से जब उनके वैज्ञानिक एक साथी ने ज्योतिष का मज़ाक उड़ाया, तो उन्होंने जवाब दिया-‘Sir, I have studied it, you have not.’ कार्ल सागन ने माना कि प्राचीन खगोल विज्ञान और गणित ने आधुनिक विज्ञान की नींव रखी.
गणित और ज्योतिष का रिश्ता
ज्योतिष गणित के बिना अधूरा है, क्योंकि ग्रहों की स्थिति, नक्षत्रों की गणना और दशाओं का निर्धारण गणित के जरिए ही होता है. गणित भी ज्योतिष के बिना अधूरा था, क्योंकि अगर ज्योतिष की जरूरत न होती, तो शायद गणित इतनी जल्दी विकसित ही नहीं होता! क्योंकि जो लोग तारों को देखकर अपनी दैनिक दिनचर्या की चीजों को आसान बना रहे थे उन्हें व्यवस्थित (Systematic) भी रखना था. शायद इसी जरुरत ने गणित को जन्म दिया. क्योंकि ये कार्य बिना गणना के संभव नहीं था.
कौन पहले आया?
अगर व्यवहारिक रूप से देखें, तो ज्योतिष पहले आया, क्योंकि पहले लोगों ने तारों और ग्रहों को देखना शुरू किया. लेकिन ज्योतिष को मजबूत करने के लिए गणित का जन्म हुआ. क्योंकि लोगों को आसमान में तारों को देखकर दिशा का ज्ञान का संकेत मिला. समुद्र में यात्रा करने वाले नाविकों को तारों और नक्षत्रों का ज्ञान होता था. क्योंकि वे सदियों से इन celestial पिंडों का उपयोग करके समुद्री यात्रा में दिशा और स्थान निर्धारित करने के लिए करते रहे हैं. इसलिए ज्योतिष ने गणित को जन्म दिया, लेकिन बाद में गणित ने ज्योतिष को सही साबित करने में मदद की.
आज भी NASA और खगोल वैज्ञानिक ग्रहों और सितारों की गणना करने के लिए उन्हीं गणितीय सिद्धांतों का उपयोग कर रहे हैं, जो हजारों साल पहले ज्योतिषियों ने खोजे थे! दुनिया में कई जगहों पर ज्योतिषीय गणनाएं वैज्ञानिक आधार पर उपयोग की जा रही हैं.
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