कर्ज में डूबी टेलिकॉम सर्विस कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (Vodafone Idea Limited) ने कहा कि रेवेन्यू में बढ़ोतरी के लिए कीमतों और ग्राहकों की संख्या में इजाफा प्रमुख ड्राइवर होंगे। कंपनी ने पिछले साल जुलाई में टैरिफ में बढ़ोतरी की थी। उससे पहले नवंबर 2021 में वोडाफोन आइडिया के प्लान महंगे हुए थे। कंपनी ने कहा है कि भारत में टैरिफ वैश्विक स्तर पर अन्य बाजारों की तुलना में कम हैं।
Vodafone Idea ने बुधवार, 9 अप्रैल को एक इनवेस्टर प्रेजेंटेशन में कहा कि महंगाई के दबाव को देखते हुए कीमतों में तेजी लाने की जरूरत है। ARPU (एवरेज रेवेन्यू प्रति यूजर) ग्रोथ के लिए पर्याप्त गुंजाइश है, क्योंकि इस्तेमाल कई गुना बढ़ गया है। लेकिन ARPU ने रफ्तार नहीं पकड़ी है। कंपनी ने कहा कि ग्राहकों की हाई टैरिफ का भुगतान करने की क्षमता पहले से ही स्थापित हो चुकी है। उचित रिटर्न जनरेट करने और भविष्य के निवेश को सपोर्ट करने के लिए कीमतों में और बढ़ोतरी जरूरी है।
FY25 में 11.7% की सालाना ग्रोथ
जुलाई 2024 से लागू हुई टैरिफ बढ़ोतरी के साथ, वोडाफोन आइडिया ने वित्त वर्ष 2025 में 11.7% की सालाना ग्रोथ देखी। आगे चलकर कंपनी का फोकस ARPU में सुधार लाने और ग्राहकों को अपने साथ बनाए रखने पर रहेगा। वोडाफोन आइडिया ने अगले 3 वर्षों में ₹50,000-55,000 करोड़ की पूंजीगत व्यय योजना यानि कैपेक्स की घोषणा की है।
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Vodafone Idea में सरकार के पास अब 48.99% हिस्सेदारी
वोडाफोन आइडिया ने हाल ही में सरकार को दिए जाने वाले ₹36,000 करोड़ से अधिक के स्पेक्ट्रम बकाया को इक्विटी शेयरों में बदल दिया। इससे कंपनी में सरकार की हिस्सेदारी बढ़कर 48.99% हो गई। हालांकि सरकार को प्रमोटर के तौर पर क्लासिफाई नहीं किया जाएगा, न ही वोडाफोन आइडिया पीएसयू में बदल जाएगी। लेकिन सरकार कंपनी में अब सबसे बड़ी शेयरहोल्डर है। कंपनी ने निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) को 36,950 करोड़ रुपये के शेयर जारी और अलॉट कर दिए हैं।
9 अप्रैल को वोडाफोन आइडिया के शेयर में गिरावट है। दिन में कीमत बीएसई पर 2 प्रतिशत से ज्यादा गिरकर 7.02 रुपये के लो तक चली गई। कंपनी का मार्केट कैप 50,800 करोड़ रुपये पर है। केवल एक सप्ताह में कीमत 13 प्रतिशत नीचे आई है।
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