Stock Markets News: भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को भारी भूचाल के बाद मंगलवार को तगड़ी तेजी दिखी. सेंसेक्स निफ्टी में डेढ़ प्रतिशत के आसपास तेजी दर्ज हुई थी. निफ्टी ने 400 अंकों से ज्यादा की तेजी के साथ 22,700 के करीब इंट्राडे हाई बनाया था. सेंसेक्स ने 1200 अंकों की तेजी के साथ 74,859 का इंट्राडे हाई छुआ था. निफ्टी मिडकैप इंडेक्स में भी 1100 अंकों की तेजी थी. वहीं स्मॉलकैप इंडेक्स भी 355 अंक ऊपर था.
India Vix में 11% की गिरावट आई थी. कल ये 67% ऊपर चढ़ा हुआ था. वहीं, सभी सेक्टोरल इंडेक्स में तेजी दर्ज हो रही थी. Top Sectoral गेनर्स देखें तो सबसे ज्यादा तेजी Nifty Capital Market, Nifty realty, Nifty PSU bank और Nifty Pharma में दर्ज हो रही थी.
प्रमुख एशियाई बाजारों में भी खरीदारी देखी गई. टोक्यो, शंघाई, हांगकांग और सियोल हरे निशान पर कारोबार कर रहे थे. डाओ फ्यूचर्स 750 अंक ऊपर चढ़ गया था.
क्या ये रिकवरी टिकाऊ है?
मार्केट गुरु अनिल सिंघवी ने कहा कि बढ़िया रिकवरी है. लेकिन रिकवरी पर अगर भरोसा नहीं हो रहा है तो इसके पीछे बस एक कारण है- स्पीड. जितनी तेजी से और जितनी जल्दी बाजार चढ़ा है, उसकी उम्मीद नहीं थी. कल की गिरावट को देखें तो दुनिया भर के बाजारों में डबल डिजिट में गिरावट आई थी, लेकिन हमारे बाजारों में बस 3 पर्सेंट की गिरावट थी. इस लिहाज से आज भी दूसरे ग्लोबल बाजारों से ज्यादा बेहतर स्थिति है.
वहीं, दूसरा सरप्राइजिंग फैक्टर इसपर है कि रिकवरी क्यों आई है? आज बिना किसी पॉजिटिव खबर के ऐसी तेजी आई है, ये सरप्राइजिंग रहा. आज डाओ फ्यूचर्स 700 अंक ऊपर है. लेकिन ये रात में अमेरिकी बाजारों में क्या होगा, हम नहीं जानते. तेजी के मार्केट में और मंदी के मार्केट में होता है ये है कि तेजी के बाजार में हर खराब खबर पर खरीदारी होती है और मंदी के बाजार में हर अच्छी खबर पर बिकवाली होती है.
अगर आप टैरिफ वॉर को लेकर देखें तो इसपर एक भी अच्छी खबर नहीं आई. चीन ने काउंटर टैरिफ लगाया है. ट्रंप वापस लेने को बोल रहे हैं और वापस न लेने पर 50% और टैरिफ लगाने की धमकी दी है. ऐसे में यूएस और चीन तो लड़ ही रहे हैं. अमेरिका में भी वॉलेटिलिटी ही रही, कोई बड़ी तेजी नहीं आई. ऐसे में बिना किसी पॉजिटिव खबर के बाजार में रिकवरी आई तो अच्छी बात है, लेकिन इससे ये साफ है कि शानदार रिकवरी है लेकिन खतरा अभी टला नहीं है. अभी अमेरिका और चीन की ओर से बयान आएंगे, जो बाजार को अभी वॉलेटाइल रख सकते हैं. ऐसे में ओवरनाइट ट्रेडिंग पोजीशन अब भी कम रखें.
टैरिफ वॉर पर NSE के CEO का आया बयान
इसके इतर, टैरिफ पर बाजार और इकोनॉमी के असर को लेकर NSE के MD & CEO आशीष चौहान ने कहा कि सभी देश स्थिरता चाहते है, लेकिन जिओ पोलिटिकल इश्यूज के चलते अनिश्चितताएं होती हैं. ये भारत के लिए अवसर का मौका है. हर देश में सेंट्रल बैंक की अहम भूमिका होती है. जरूरत पड़ने पर RBI भी आगे आएगा. भारत ग्लोबल कंपनी के लिए नया रास्ता खोल रहा है. हम पर टैरिफ का ज्यादा असर देखने नहीं मिलेगा. टैरिफ से अपार मौके मिलेंगे.
Read More at www.zeebiz.com