Kamada Ekadashi 2025 know kanta ekadashi vrat Spiritual benefits and importance in this article

Kamada Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है. वर्ष में 24 एकादशी आती हैं, जिनमें प्रत्येक का अपना एक आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व होता है. चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को ‘कांता एकादशी’ कहा जाता है, जिसे ‘कामदा एकादशी’ (Kamada Ekadashi) के नाम से भी जाना जाता है. यह व्रत कामनाओं की पूर्ति, पापों से मुक्ति और मानसिक शुद्धि के लिए बहुत प्रभावशाली मानी जाती है.

‘कांता’ नाम का अर्थ

‘कांता’ शब्द का अर्थ है-‘प्रिय’ या ‘प्रियतम’. यह एकादशी व्रत विशेष रूप से उन लोगों द्वारा किया जाता है जो अपने जीवन में प्रेम, सौंदर्य, और संबंधों में मधुरता की कामना रखते हैं. वहीं ‘कामदा’ का अर्थ है ‘इच्छाओं को पूर्ण करने वाली’.

पौराणिक कथा (Kamada Ekadashi Story)

पद्म पुराण में वर्णित कथा के अनुसार, एक बार रत्नपुर राज्य में ललित नामक गंधर्व और उसकी पत्नी लैवण्यवती रहते थे. ललित दरबार में संगीत प्रस्तुत करता था, पर एक बार वह अपनी पत्नी के विचारों में डूबा हुआ दरबार में गलती कर बैठा. राजा ने क्रोधित होकर उसे राक्षस योनि में जन्म लेने का श्राप दे दिया.

दुखी लैवण्यवती ने ऋषि श्रृंगी से समाधान पूछा. ऋषि ने उसे कांता एकादशी का व्रत करने का परामर्श दिया. उसने श्रद्धा से व्रत किया और व्रत की पुण्य-शक्ति से ललित को श्राप से मुक्ति मिल गई.

व्रत विधि (Kamada Ekadashi Vrat Vidhi)

  • व्रत की पूर्व संध्या पर सात्विक आहार लें और रात्रि को भगवान विष्णु का स्मरण करें.
  • एकादशी के दिन प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प लें.
  • भगवान विष्णु की पूजा तुलसी, पीले पुष्प, दीप और भोग अर्पित कर करें.
  • दिनभर उपवास रखें—फलाहार या निर्जला व्रत किया जा सकता है.
  • रात्रि जागरण करें और भजन-कीर्तन करें.
  • द्वादशी के दिन ब्राह्मण या जरूरतमंद को भोजन कराकर व्रत पूर्ण करें.

वैज्ञानिक दृष्टिकोण

उपवास से पाचन तंत्र को विश्राम मिलता है और शरीर की विषाक्तता कम होती है. एकाग्रता, आत्म-निरीक्षण और ध्यान के अभ्यास से मानसिक शांति और ऊर्जा में वृद्धि होती है. व्रत में तुलसी, गंगाजल, धूप आदि का प्रयोग वातावरण की शुद्धि करता है, जो वैज्ञानिक दृष्टि से सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करता है.

तांत्रिक और आध्यात्मिक दृष्टि से

कांता एकादशी या कामदा एकादशी को प्रेम, सौंदर्य और दाम्पत्य सुख के लिए श्रेष्ठ माना गया है. इस दिन विशेष कामना सिद्धि के लिए मन्त्र-जप, साधना और विष्णु या लक्ष्मी मंत्रों का उच्चारण किया जा सकता है. यह दिन युगल संबंधों में संतुलन और प्रेम बनाए रखने के लिए शक्तिशाली तिथि मानी जाती है. कामदा एकादशी न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आत्म-शुद्धि और भावनात्मक संतुलन का पर्व भी है. जो व्यक्ति सच्चे मन से इस व्रत का पालन करता है, उसकी इच्छाएं पूरी होती हैं और वह सांसारिक सुखों के साथ-साथ आध्यात्मिक उन्नति की ओर भी अग्रसर होता है.

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