दिग्गज इनवेस्टर सुशील केडिया ने मार्केट में बड़ी गिरावट के बीच निवेशकों को खास सलाह दी है। उन्होंने कहा कि यह सोचना सही नहीं है कि कोई खास स्टॉक इसलिए नहीं गिरेगा, क्योंकि उसके फंडामेंटल्स स्ट्रॉन्ग हैं। उन्होंने कहा कि अभी जैसी गिरावट मार्केट में दिख रही है, उसमें सभी स्टॉक्स का गिरना तय है। उनकी बातें सही लग रही हैं, क्योंकि 7 अप्रैल को निफ्टी और सेंसेक्स के करीब सभी स्टॉक गिरावट के साथ बंद हुए। सिर्फ हिंदुस्तान यूनिलीवर के स्टॉक में नाममात्र की तेजी दिखी।
VIX के 50 के ऊपर जाने का मतलब
उन्होंने कहा कि जब VIX 50 से ऊपर चला जाता है तो इसका मतलपब है कि स्टॉक्स की कीमतें गिरने जा रही हैं। उन्होंने कहा कि पहले भी जब कभी वीआईएक्स 50 के ऊपर गया है तब किसी तरह के लॉजिक का मतलब नहीं रह गया है। वीआईएक्स से मार्केट में शॉर्टटर्म में उतारचढ़ाव का अंदाजा मिलता है। 7 अप्रैल को आई गिरावट की वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी मानी जा रही है।
कुछ स्टॉक्स और 10-12 फीसदी गिरेंगे
यह पूछने पर कि क्या मार्केट अब अपने बॉटम तक पहुंच गया है, उन्होंने कहा कि ज्यादातर नुकसान हो चुका है। हम मार्केट के बॉटम के करीब पहुंच गए हैं। हालांकि, इसे बाजार का बॉटम कहना ठीक नहीं होगा, क्योंकि कुछ स्टॉक्स में अब भी 10-12 फीसदी गिरावट की गुंजाइश बची हुई है। उन्होंने कहा कि अगर आप मुझसे यह पूछते हैं कि क्या अभी शॉर्ट करना ठीक रहेगा, तो मेरा जवाब होगा कि शॉर्ट सिर्फ उन स्टॉक्स में किया जा सकता है, जो और गिरने वाले हैं।
बैंकिंग स्टॉक्स पर भी बढ़ेगा दबाव
केडिया ने उस थ्योरी को भी मानने से इनकार कर दिया कि बैंकिंग स्टॉक्स सबसे आखिर में गिरते हैं। उन्होंने कहा कि अगर ट्रंप के टैरिफ से बड़ी कंपनियों को नुकसान होने जा रहा है तो इसका मतलब है कि बैंकों पर भी दबाव बढ़ने वाला है। उन्होंने कहा कि मैं निवेशकों से सिर्फ एक बात कहना चाहता हूं कि हम यह साबित करने नहीं जा रहे कि हम कितने इंटेलिजेंट हैं। सच यह है कि जब आप मार्केट में होते हैं तो आपका मकसद सिर्फ अपनी पूंजी को डूबने से बचाना होता है। उसके बाद आपको उस पैसे से मुनाफा कमाना होता है। आप मार्केट में यह दिखाने के लिए नहीं आते हैं कि आप बहुत इंटेलिजेंट हैं।
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इस हफ्ते मार्केट बॉटम बना सकता है
उन्होंने कहा कि हो सकता है कि मार्केट इस हफ्ते के अंत तक ऐसे लेवल पर आ जाए जहां से निवेशक निवेश करना शुरू कर दें। उन्होंने कहा कि लेवल को लेकर जरूरत से ज्यादा संवेदनशील रहना ठीक नहीं है। लेवल जैसी चीजें तब काम करती हैं, जब बाजार में हालात सामान्य होते हैं। मार्केट में 7 अप्रैल को आई गिरावट ने निवेशकों को डरा दिया है। पहले से ही सितंबर से जारी गिरावट के चलते इनवेस्टर्स काफी लॉस में हैं।
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