Shani Dev: शनि देव का राशि परिवर्तन हो चुका है. लगभग ढाई साल अपनी राशि यानि कुंभ में रहने के बाद 29 मार्च 2025 को शनि कुंभ से मीन राशि में प्रवेश कर चुक हैं. यह गोचर बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके साथ ही कई राशियों पर साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या की शुरुआत या समापन हुआ है.
भारतीय शास्त्रों के अनुसार, शनि कभी अन्याय नहीं करता वह केवल कर्मों का फल देता है. यही वजह है कि जब शनि देव की चाल बदलती है, तो ज़िंदगी भी पलट जाती है. शनि ने करीब 30 महीने कुंभ राशि में रहने के बाद अब मीन राशि में प्रवेश किया है. शनि का यह गोचर अगले 2.5 साल तक रहेगा और 2027 तक असर डालेगा.
साढ़ेसाती इन राशियों पर पूरे साल रहेगी (Sade Sati 2025)
- कुंभ राशि-अंतिम चरण (तीसरा चरण)
- मीन राशि-दूसरा चरण
- मेष राशि-पहला चरण (अभी शुरू हुई)
शनि की ढैय्या (Shani Ki Dhaiya 2025)
- सिंह राशि
- धनु राशि
शनि का कर्म और न्याय हैं: शनि देव को लेकर शास्त्रों में भी वर्णन मिलता है. ज्योतिष ग्रंथों में शनि को न्याय के देवता की संज्ञा दी गई है-
बृहत्पाराशर होरा शास्त्र में लिखा गया है:
‘शनि: कर्मफलदाता स्यात्, न च मित्रं न वै शत्रु:’
(अर्थात: शनि न किसी का मित्र होता है, न शत्रु. वह केवल कर्मों के अनुसार फल देता है.)
रामायण में भी उल्लेख मिलता है
जब भगवान राम के जीवन में वनवास आया, तब उनकी कुंडली में शनि की दशा में भारी ग्रह योग बना था. यह उनके जीवन की परीक्षा की घड़ी थी, क्योंकि वह मर्यादा पुरुषोत्तम थे, उन्हें हर चुनौती से गुजर कर उच्चतम स्थान प्राप्त करना था.
कैसे जानें कि शनि आपको कर्मों का फल दे रहा है?
- अचानक आय में गिरावट
- मानसिक अशांति और अकेलापन
- रिश्तों में तनाव और धोखा
- न्याय की तलाश और विलंब
- उपाय (शनि के प्रभाव को शांत करने के लिए):
- शनिवार को पीपल के पेड़ पर सरसों के तेल का दीपक जलाएं
- ‘ॐ शं शनैश्चराय नम:’ मंत्र का 108 बार जाप करें
- काले तिल और उड़द का दान करें
- कर्मों में सुधार लाएं, यही सबसे बड़ा उपाय है
आपकी कुंडली में क्या शनि सक्रिय है?
अगर आपकी कुंडली में शनि महाराज 6वें, 8वें या 12वें भाव में हैं. राहु या मंगल से युक्त हैं, या फिर शनि नीच राशि (मेष राशि में) हैं तो यह समय विशेष सावधानी बरतने का है. शनि कहते हैं किसी को सताएं नहीं दीन,हीन की जहां तक हो मदद करें. क्योंकि शनि कमजोर वर्ग के रक्षक भी हैं. इसलिए कठोर मेहनत करने वालों को कभी न सताएं.
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