नई दिल्ली। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा की भाजपा सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि, हरियाणा की BJP सरकार ने एक बार फिर 1 लाख 20 हजार नौजवानों को धोखा दिया है। Haryana Kaushal Rojgar Nigam Limited (HKRN) के माध्यम से भर्ती हुए युवाओं के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री कहते थे कि उनकी नौकरी पत्थर की लकीर है। अब सिक्योरिटी ऑफ सर्विस के नाम पर BJP सरकार ने हरियाणा के युवाओं के साथ फरेब किया है।
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उन्होंने आगे कहा, BJP सरकार का पहला धोखा है, हरियाणा की सरकार ने 25 मार्च 2025 को आदेश निकाला कि 31 मार्च 2025 के बाद HKRN या कॉन्ट्रैक्ट से लगे 1 लाख 20 हजार युवाओं का कॉन्ट्रैक्ट एक्सटेंड नहीं हो सकता है। दूसरी शर्त में लिखा कि अगर कॉन्ट्रैक्ट एक्सटेंड करना है, तो सभी विभागों को हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन और हरियाणा के वित्त विभाग से मंजूरी लेनी होगी। अगर ये मंजूरी नहीं दी गई तो नौकरी बर्खास्त हो जाएगी।
कांग्रेस नेता ने कहा, BJP सरकार का दूसरा धोखा, चीफ सेक्रेटरी ने एक चिट्ठी गुपचुप तरीके से 15 जनवरी 2025 को जारी की और अब 3 अप्रैल को फिर से आदेश जारी कर दिया। इसमें लिख दिया कि 15 अगस्त 2019 के बाद अगर कोई HKRN का कर्मचारी नौकरी पर है, तो उसे बर्खास्त किया जा सकता है। 15 अगस्त 2019 के बाद 1 लाख 10 हजार बच्चे नौकरी पर लगे हैं। अब उन सबके ऊपर बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है।
सुरजेवाला ने आगे कहा, हरियाणा सरकार ने HKRN भर्ती में युवाओं को निकालने के लिए ‘फर्स्ट इन-फर्स्ट आउट’ का रूल लगाया है। यानी जो युवा सबसे पहले नौकरी पर लगे था, सबसे पहले उनकी नौकरी जाएगी। 2 अप्रैल 2025 को 252 पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षकों को इस आदेश का हवाला देकर बर्खास्त कर दिया गया। नहर विभाग में 128 युवाओं को बर्खास्त कर दिया गया। वन विभाग में भी इसी आदेश का हवाला देकर सभी युवाओं को बर्खास्त कर दिया गया। पंचायती राज में इसी आदेश के तहत युवाओं की नौकरी छीन ली गई।
हरियाणा सरकार विधानसभा के पिछले सत्र में Haryana Contractual Employee Security of Service का कानून लेकर आई थी, जिसके बाद CM नायब सैनी जी ने जमकर वाहवाही लूटी- ये कहते हुए कि किसी की नौकरी बर्खास्त नहीं होगी।
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हमने उस समय भी ये विधानसभा के पटल और बाहर आवाज उठाई थी, इस कानून में यह… pic.twitter.com/0pLDsspLye
— Congress (@INCIndia) April 5, 2025
उन्होंने आगे कहा, हरियाणा सरकार विधानसभा के पिछले सत्र में Haryana Contractual Employee Security of Service का कानून लेकर आई थी, जिसके बाद CM नायब सैनी जी ने जमकर वाहवाही लूटी-ये कहते हुए कि किसी की नौकरी बर्खास्त नहीं होगी। हमने उस समय भी ये विधानसभा के पटल और बाहर आवाज उठाई थी, इस कानून में यह स्पष्ट लिखा गया है कि 5 साल से पहले कोई सिक्योरिटी ऑफ सर्विस नहीं दी जाएगी। अगर कोई व्यक्ति 2022 की 30 जून को लगा है तो 2029 में चुनाव में अगला विधानसभा चुनाव खत्म हो जाएगा उसके बाद उसे सिक्योरिटी ऑफ सर्विस मिलेगी, कोई 2022 में लगा है तो उसे 2027 में मिलेगी
अब सरकार ने नया आदेश जारी किया है जिसमें ‘फर्स्ट इन-फर्स्ट आउट’ यानी नौकरी से निकाल दो, पांच साल पूरा ना होने दो। नायब सिंह सैनी जी के चीफ सेक्रेटरी द्वारा जारी किए गए 03 अप्रैल 2025 का ये आदेश गैरकानूनी है। सेक्शन 25(g) इंडस्ट्रियल डिस्ट्रीब्यूटर एक्ट 1947 में ‘फर्स्ट इन-फर्स्ट आउट’ नहीं ‘लास्ट इन-फर्स्ट आउट’ लिखा है। पंजाब एंड हरियाणा की हाईकोर्ट की खंडपीठ के पैरा-12 में भी ‘लास्ट इन-फर्स्ट आउट’ दर्ज है। गैर कानूनी आदेश देकर बच्चों को रोजगार से बर्खास्त कर दिया, बाकी 1 लाख 20 हजार में से बचे बच्चे 1,500 निकाले जा चुके हैं, बाकी के निकालने की तैयारी है। नायब सिंह सैनी जी से हमारी मांग है कि कम से कम ये सारे गैरकानूनी आदेश वापस लीजिए और सभी बच्चों को दोबारा से रोजगार दिलाइए।
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