Chaitra Navratri 2025 Ashtami 5 april saturday shani dev connection upay

Chaitra Navratri Ashtami 2025: चैत्र नवरात्रि की महाष्टमी 5 अप्रैल 2025 शनिवार को है. दुर्गाष्टमी पर माता ने चंड मुंड का संहार किया था. ये विजय प्राप्ति का दिन है. आज शनिवार भी है ऐसे में अष्टमी और शनिवार का संयोग बना है. मार्कंडेय पुराण में अष्टमी तिथि को देवी पूजा का महत्व बताया गया है.

जिसके मुताबिक अष्टमी पर देवी पूजा करने से हर तरह की परेशानी दूर हो जाती है और घर में कभी दरिद्रता भी नहीं आती ऐसी मान्यता है. जानें शनिवार और अष्टमी के संयोग का महत्व, इस दिन माता और शनि देव को कैसे प्रसन्न करें.

शनिवार और अष्टमी का खास संयोग

पंचांग के अनुसार 5 अप्रैल 2025 शनिवार को चैत्र शुक्ल की अष्टमी तिथि है. इस दिन मां महागौरी की पूजा की जाता है. अंक ज्योतिष में शनि का अंक 8 माना गया है. शनिवार को शनि देव का प्रिय दिन है.

अब अष्टमी तिथि और शनिवार भी एक दिन है. यही कारण है कि नवरात्रि के आठवें दिन शनि देव की पूजा का विशेष संयोग बना हुआ है. ऐसे में माता की पूजा करने से शनि देव की पीड़ा से मुक्ति पाने का खास अवसर है.

शनिवार को अष्टमी तिथि का महत्व

शनिवार को अष्टमी तिथि का होना शुभ माना जाता है. ज्योतिष में अष्टमी तिथि को बलवती और व्याधि नाशक तिथि कहा गया है. इसके देवता शिवजी हैं. इसे जया तिथि भी कहा जाता है. नाम के अनुसार इस तिथि में किए गए कामों में जीत मिलती है. अष्टमी तिथि में किए गए काम हमेशा पूरे होते हैं.  

ऐसे पाएं शनि की पीड़ा से मुक्ति

  • शनि देव जनित दोष, साढ़ेसाती या ढैय्या से मुक्ति पाने के लिए ‘ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे’ नम: मंत्र का जाप करें.
  • शनि देव जरुरतमंदों की सेवा करने से प्रसन्न होते हैं, ऐसे में अष्टमी के दिन किसी भी जरूरतमंद को खाना खिलाएं.
  • इस दिन शनि से जुड़ी चीजों का दान करना चाहिए. सरसों का तेल, काला छाता, काला कंबल, काला जूता,काली उड़द, लोहा आदि का दान करें.

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