Chaitra Navratri Vrat Parana 2025 Time Niyam To Open 9 Days Fast On 7th April

चैत्र नवरात्रि का व्रत पारण 6 अप्रैल 2025 को महानवमी तिथि के समापन के बाद किया जाएगा. इस दिन को नवमी तिथि रात 7.22 पर समाप्त होगी.

चैत्र नवरात्रि का व्रत पारण 6 अप्रैल 2025 को महानवमी तिथि के समापन के बाद किया जाएगा. इस दिन को नवमी तिथि रात 7.22 पर समाप्त होगी.

कुछ लोग मान्यता अनुसार रात में नहीं बल्कि उदयातिथि में नवरात्रि व्रत का पारण करते हैं. ऐसे में वह लोग 7 अप्रैल 2025 को दशमी तिथि पर सुबह 6.04 मिनट पर व्रत खोल सकते हैं.

कुछ लोग मान्यता अनुसार रात में नहीं बल्कि उदयातिथि में नवरात्रि व्रत का पारण करते हैं. ऐसे में वह लोग 7 अप्रैल 2025 को दशमी तिथि पर सुबह 6.04 मिनट पर व्रत खोल सकते हैं.

नवरात्रि के व्रत खोलने से पहले कन्या पूजन और हवन अवश्य करना चाहिए. यह न केवल शुभ होता है बल्कि व्रत का संपूर्ण पुण्य प्राप्त करने के लिए आवश्यक माना जाता है.

नवरात्रि के व्रत खोलने से पहले कन्या पूजन और हवन अवश्य करना चाहिए. यह न केवल शुभ होता है बल्कि व्रत का संपूर्ण पुण्य प्राप्त करने के लिए आवश्यक माना जाता है.

नवमी वाले दिन माता को हलवा, पूड़ी, चने का भोग लगाएं और कन्याओं को भी यही भोजन खिलाएं. ध्यान रहें इसे भोजन में लहसुन-प्याज नहीं होना चाहिए, नहीं तो व्रत का फल नहीं मिलता है.

नवमी वाले दिन माता को हलवा, पूड़ी, चने का भोग लगाएं और कन्याओं को भी यही भोजन खिलाएं. ध्यान रहें इसे भोजन में लहसुन-प्याज नहीं होना चाहिए, नहीं तो व्रत का फल नहीं मिलता है.

नवमी वाले भोजन से ही व्रत पारण करना चाहिए, इसके लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनकर ही रसोई में जाएं. रसोई को अच्छी तरह साफ करें. तन और मन की स्वच्छता से माता का भोग बनाएं. चप्पल पहनकर भोजन न बनाएं.

नवमी वाले भोजन से ही व्रत पारण करना चाहिए, इसके लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनकर ही रसोई में जाएं. रसोई को अच्छी तरह साफ करें. तन और मन की स्वच्छता से माता का भोग बनाएं. चप्पल पहनकर भोजन न बनाएं.

दोपहर तक कन्या भोजन कराने के बाद हवन कर लें और फिर रात को नवमी तिथि समाप्त होने के बाद भोजन ग्रहण करें. इस दिन गलती से भी किसी को बासी खाना या अन्न न दें, द्वार आए पशु-पक्षी या जरुतमंद को भी ताजा बना भोजन खिलाएं.कहते हैं माता किसी भी स्वरूप में आपके घर आ सकती है. किसी के प्रति द्वेष न रखें.

दोपहर तक कन्या भोजन कराने के बाद हवन कर लें और फिर रात को नवमी तिथि समाप्त होने के बाद भोजन ग्रहण करें. इस दिन गलती से भी किसी को बासी खाना या अन्न न दें, द्वार आए पशु-पक्षी या जरुतमंद को भी ताजा बना भोजन खिलाएं.कहते हैं माता किसी भी स्वरूप में आपके घर आ सकती है. किसी के प्रति द्वेष न रखें.

Published at : 05 Apr 2025 06:40 AM (IST)

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