सरकार को Vodafone Idea के शेयरहोल्डर्स के लिए नहीं लाना पड़ेगा ओपन ऑफर, SEBI ने दी छूट – sebi exempted government from making open offer to vodafone idea shareholders following proposed acquisition of just over 34 per cent stake

कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI ने सरकार को वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (VIL) के शेयरहोल्डर्स के लिए एक ओपन ऑफर लाने से छूट दे दी है। सरकार ने स्पेक्ट्रम बकाया को इक्विटी में बदलने के लिए कंपनी में 34 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी को खरीदने का प्रपोजल दिया है। इस कनवर्जन से कंपनी में सरकार की हिस्सेदारी वर्तमान के 22.6 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 49 प्रतिशत हो जाएगी। इससे VIL अपने कस्टमर्स के लिए सर्विस जारी रखने और भारत में टेलिकॉम की पहुंच बढ़ाने में सक्षम होगी।

नियमों के तहत, किसी लिस्टेड कंपनी में 25 प्रतिशत या उससे अधिक हिस्सेदारी हासिल करने वाली एंटिटीज को शेयरहोल्डर्स के लिए एक ओपन ऑफर लाना होता है। इसके चलते VIL में भारत सरकार की शेयरहोल्डिंग को 48.99 प्रतिशत तक बढ़ाया जाना सामान्य तौर पर टेकओवर नियमों के तहत एक ओपन ऑफर को ट्रिगर करेगा। लेकिन सेबी ने इससे सरकार को छूट दे दी है।

अपने आदेश में, सेबी ने उल्लेख किया कि VIL की ओर से सरकार को एक बड़ी राशि का भुगतान किया जाना है, जो कंपनी की वित्तीय स्थिति पर बोझ डाल सकता है। साथ ही भारत सरकार पर एक ओपन ऑफर लाने की बाध्यता से में बड़ी मात्रा में नकदी का आउटफ्लो होगा। ऐसे में भारत सरकार को ओपन ऑफर की बाध्यता से छूट देना उचित होगा, जैसा कि टेकओवर रेगुलेशंस, 2011 में निर्धारित किया गया है।

सरकार का फिलहाल VIL के बोर्ड में हिस्सा लेने का इरादा नहीं

छूट देते समय, सेबी ने कहा कि वर्तमान में भारत सरकार का VIL के मैनेजमेंट या बोर्ड में हिस्सा लेने का कोई इरादा नहीं है और कंपनी के नियंत्रण में कोई बदलाव नहीं होगा। इसके अलावा, ऐसी होल्डिंग को पब्लिक शेयरहोल्डिंग के रूप में क्लासिफाई किया जाएगा। पिछले महीने सरकार ने संकटग्रस्त VIL को जीवनदान देते हुए कंपनी के 36,950 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम नीलामी बकाया को इक्विटी में बदलने का फैसला किया था।

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सेबी ने पूरे लेन-देन में शामिल पब्लिक पॉलिसी और सार्वजनिक हित का हवाला दिया। साथ ही टेलिकॉम कंपनियों के लिए लिक्विडिटी और कैश फ्लो को आसान बनाने, टेलिकॉम सेक्टर में बड़ा एक्सपोजर रखने वाले विभिन्न बैंकों की मदद करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों को ध्यान में रखा।

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