Maharashtra News: महाराष्ट्र की महायुति सरकार का नेतृत्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस कर रहे हैं. महायुति सरकार में तीन प्रमुख दल शामिल हैं. राज्य में दो उपमुख्यमंत्रियों के अधिकारों का समान बंटवारा करते हुए सीएम फडणवीस ने राज्य की ‘पावर पॉलिटिक्स’ में संतुलन बनाया है. लेकिन अब से अजित पवार के पास मौजूद वित्त और नियोजन विभाग की हर फाइल पहले उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पास जाएगी और उसके बाद ही अंतिम हस्ताक्षर के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास पहुंचेगी, ऐसा शासकीय आदेश जारी किया गया है.
MVA सरकार के समय क्या हुआ था?
महाविकास अघाड़ी (MVA) सरकार में जब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे थे, तब राज्य का वित्त विभाग अजित पवार के पास था. उस वक्त शिवसेना के मंत्रियों और नेताओं ने आरोप लगाया था कि अजित पवार उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते और न ही उन्हें फंड देते हैं, जिसके चलते शिवसेना शिंदे गुट ने सत्ता से बाहर निकलने का फैसला किया था. फंड बंटवारे में पहले राष्ट्रवादी, फिर कांग्रेस और आखिर में शिवसेना का क्रम महाविकास अघाड़ी सरकार के गिरने का सबसे बड़ा कारण बना था.
शिंदे को मिली संजीवनी!
कुछ महिनों बाद सत्ता का चक्र घूमा और शिवसेना के साथ राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे बने, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस रहे और एक साल में अजित पवार भी एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में डिप्टी सीएम बन गए. इस दौरान भले ही वित्त विभाग अपने पास रखने में अजित पवार को सफलता मिली, लेकिन अंतिम फैसला मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का ही होता था, यह भी स्पष्ट हुआ.
महाराष्ट्र में फिर से वित्त विभाग की वजह से सत्ता का संतुलन न बिगड़े, इसलिए सीएम फडणवीस ने फाइलों का रास्ता उपमुख्यमंत्री से उपमुख्यमंत्री होते हुए मुख्यमंत्री तक मोड़कर एक शानदार मास्टरस्ट्रोक खेला है, जिसकी चर्चा राजनीतिक गलियारों में जोरों पर है.
सीएम फडणवीस का मास्टरस्ट्रोक!
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस फैसले का शिवसेना की ओर से स्वागत किया जा रहा है, जबकि अजित पवार को अब अपनी फाइलों पर मंजूरी के लिए एकनाथ शिंदे की भी सहमति लेनी होगी. इससे एनसीपी के परेशान करने से तंग आकर बाहर निकली शिवसेना को अब राष्ट्रवादी को भी झुकाने का मौका मिल गया है.
महायुति में पावर पॉलिटिक्स का संतुलन बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस फैसले से एकनाथ शिंदे को मजबूत समर्थन दिया है. इससे फंड बंटवारे या किसी फैसले को लेकर शिवसेना गुट में नाराजगी नहीं होगी, वहीं दूसरी ओर अजित पवार पर भी एक तरह से लगाम लगेगी, ऐसा कहा जा रहा है. फिलहाल महायुति के भविष्य के लिए संबंधित शासकीय आदेश जारी कर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जोरदार मास्टरस्ट्रोक खेलकर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है.
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