वक्फ संशोधन विधेयक-2024 के लोकसभा में पास होने के बाद सभी की निगाहें राज्यसभा पर टिकीं हैं। राज्यसभा में आज इस बिल पर चर्चा जारी है। वक्फ संशोधन विधेयक की असली परीक्षा इसी सदन में होगी। दरअसल, राज्यसभा में एनडीए का बहुमत जरूरी संख्या पर ही स्थिर है। ऐसे में गठबंधन के किसी भी दल के किसी भी सांसद का इधर-उधर होना विधेयक को पास कराने की राह में रोड़ा बन सकता है। इस बीच बीजू जनता दल (बीजद) ने वक्फ संशोधन विधेयक की खिलाफत करने का अपना रुख बदल लिया है। अब पार्टी के राज्यसभा सांसद सस्मित पात्रा ने कहा है कि वक्फ विधेयक के लिए पार्टी की तरफ से कोई व्हिप नहीं जारी किया गया है।
क्या कहा सस्मित पात्रा ने?
बीजेडी के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता सस्मित पात्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘बीजू जनता दल (BJD) ने हमेशा धर्मनिरपेक्षता और समावेशिता के सिद्धांतों को कायम रखा है और सभी समुदायों के अधिकारों को सुनिश्चित किया है। हम वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 के बारे में अल्पसंख्यक समुदायों के विभिन्न वर्गों द्वारा व्यक्त की गई विविध भावनाओं का गहराई से सम्मान करते हैं। हमारी पार्टी ने इन विचारों पर सावधानीपूर्वक विचार करते हुए राज्यसभा में हमारे माननीय सदस्यों को यह निर्णय लेने की स्वतंत्रता दी है कि वे न्याय, सद्भाव और सभी समुदायों के अधिकारों के सर्वोत्तम हित में अपने विवेक का प्रयोग करें है। पार्टी ने कोई व्हिप जारी नहीं किया है।’
The Biju Janata Dal has always upheld the principles of secularism and inclusivity, ensuring the rights of all communities. We deeply respect the diverse sentiments expressed by different sections of the Minority communities regarding the Waqf (Amendment) Bill, 2024. Our Party,…
— ଡ଼ଃ ସସ୍ମିତ ପାତ୍ର I Dr. Sasmit Patra (@sasmitpatra) April 3, 2025
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पहले विरोध, अब अपनाया ये रुख
बीजद ने लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा से पहले बिल का कड़ा विरोध किया था और इसे अल्पसंख्यकों के हितों के खिलाफ बताया था। हालांकि, अब फैसला बदलने से राज्यसभा में विपक्ष की स्थिति और कमजोर हो गई है। बता दें कि राज्यसभा में बीजद के 7 सांसद हैं। पहले इनकी गिनती विपक्ष में होती थी। हालांकि, अब इन सांसदों का रुख तय नहीं है। अब पार्टी ने अपने सांसदों को अपने विवेक से मतदान करने की छूट दे दी है। बता दें कि केंद्र में बीजेडी ने हमेशा से भारतीय जनता पार्टी के जरूरी मुद्दों के पक्ष में ही मतदान किया है। इसमें नागरिकता संशोधन अधिनियम, जीएसटी, दिल्ली अध्यादेश और सर्जिकल स्ट्राइक, नोटबंदी, वन नेशन वन इलेक्शन शामिल हैं।
राज्यसभा में क्या है समर्थन का आंकड़ा?
वक्फ संशोधन विधेयक को राज्यसभा में चुनौती मिलने की संभावना है। राज्यसभा में मौजूदा समय में 236 सांसद हैं, जबकि 9 सीटें खाली हैं। राज्यसभा में कुल 12 सांसद नामित हो सकते हैं, लेकिन इनकी संख्या फिलहाल 6 है। इस लिहाज से राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक को पास कराने के लिए 119 सांसदों के समर्थन की जरूरत होगी। आंकड़ों के लिहाज से राज्यसभा में भी एनडीए के पास लगभग पूर्ण बहुमत है। राज्यसभा में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है और उसके 98 सांसद हैं। इसके अलावा जदयू (4), तेदेपा (2), राकांपा (3), उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) का 1 सांसद, पत्तली मक्कल काची, तमिल मनिला कांग्रेस (टीएमसी-एम), नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) के 1-1 सांसद, रामदास आठवले की रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई-ए) का 1 सांसद और 2 निर्दलीय सांसद हैं। यानी इन एनडीए के पास 114 सांसदों का समर्थन है। वहीं, दूसरी तरफ राज्यसभा में 6 नामित सांसद भी हैं, जो कि वोटिंग में हिस्सा लेंगे। एनडीए को इन सांसदों का भी साथ मिला हुआ है।
Current Version
Apr 03, 2025 20:00
Edited By
Satyadev Kumar
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