Mangal Gochar 2025 in Cancer these biggest events will happens in india and world

Mangal Gochar 2025: ग्रहों के सेनापति मंगल ग्रह 3 अप्रैल को मिथुन राशि से कर्क राशि में प्रवेश करेंगे. कर्क चंद्रमा की राशि है और यह मंगल देव की नीच राशि मानी जाती है जबकि मकर राशि में ये उच्च के माने जाते हैं. मंगल ग्रह कर्क और सिंह राशि में अधिक शुभ फल देते हैं.

मंगल ग्रह जिन्हें मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह माना गया है वह 3 अप्रैल को कर्क राशि में गोचर करेंगे. ग्रहों के सेनापति मंगल देव 3 अप्रैल 2025 को कर्क राशि में प्रवेश करेंगे और 6 जून 2025 तक इसी राशि में रहेंगे. मंगल का यह गोचर विशेष रूप से ऊर्जा और साहस में वृद्धि करेगा, जिससे कुछ जातकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं.

जब भी मंगल ग्रह राशि परिवर्तन करते हैं तो देश दुनिया के साथ इनका विशेष प्रभाव लोगों के जीवन पर पड़ता है. कर्क राशि में मंगल ग्रह का गोचर करने से कुछ राशि के जातकों को विशेष लाभ मिलने के संकेत हैं. भाग्य का अच्छा साथ मिलेगा और धन लाभ के मौके बनेंगे.

कर्क राशि के जीवन में होगा ये बदलाव

मंगल नीच अवस्था में होने के कारण नकारात्मक परिणाम दे सकते हैं. इस गोचर का प्रभाव कर्क राशि के जातकों पर नकारात्मक पड़ने वाला है. जातक अपने बल में कमी महसूस करेंगे शारीरिक दुर्बलता और मानसिक अवसाद का सामना करना पड़ सकता है. जातक हीन भावना महसूस कर सकते हैं. वैदिक ज्योतिष में भूमि पुत्र मंगल को अग्नि का कारक कहा गया है इसलिए चन्द्रमा की राशि कर्क में जाकर वो नीच के हो जाते हैं.

चन्द्रमा जल का कारक है और अग्नि जल का कोई मेल नहीं है इसलिए मंगल पूर्ण बलहीन होकर अपना कोई भी शुभ प्रभाव यहां नहीं देते हैं. मंगल के लिए कर्क राशि नीच राशि कहलाती है इसलिए मंगल का यह गोचर बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

मंगल के कारण प्राकृतिक आपदा के साथ अग्नि कांड भूकंप गैस दुर्घटना वायुयान दुर्घटना होने की संभावना. पूरे विश्व में राजनीतिक अस्थिरता यानि राजनीतिक माहौल उच्च होगा.

ग्रहों के सेनापति हैं मंगल

ज्योतिष शास्त्र में मंगल को सभी ग्रहों का सेनापति होने का दर्जा प्राप्त है. मंगल मेष राशि और वृश्चिक राशि के स्वामी माने गए हैं. मकर राशि में मंगल उच्च के हो जाते हैं वहीं कर्क राशि में मंगल को नीच का माना जाता है. 

सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति से इनकी मित्रता है. बुध से मंगल की नहीं बनती है. जबकि शुक्र और शनि इनके सम संबंध हैं. मंगल देव पराक्रम, स्फूर्ति, साहस, आत्मविश्वास, धैर्य, देश प्रेम, बल, रक्त, महत्वकांक्षा एवं शस्त्र विद्या के अधिपति माने गए है. यहां आपको विशेष रूप से बताना चाहता हूं कि अग्नि तत्व होने से मंगल सभी प्राणियों को जीवन शक्ति देता है. यह प्रेरण, उत्साह एवं साहस का प्रेरक होता है.

शुभ-अशुभ प्रभाव

नवग्रहों में सेनापति का दर्जा मंगल को प्राप्त है. यह गोचर शीघ्रता से परिणाम देने वाला साबित होगा और देश और दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में गति आएगी.

  • प्राकृतिक आपदा के साथ अग्नि कांड भूकंप गैस दुर्घटना वायुयान दुर्घटना विमान में खराबी, रेल दुर्घटना होने की संभावना.
  • पूरे विश्व में राजनीतिक अस्थिरता यानि राजनीतिक माहौल उच्च होगा.
  • विश्व में सीमा पर तनाव शुरू हो जायेगा.
  • पूरे विश्व में सीमा पर तनाव शुरू हो जायेगा. रोजगार के क्षेत्रों में वृद्धि होगी. आय में बढ़ोतरी होगी.
  • देश की अर्थव्यवस्था के लिए शुभ रहेगा. खाने की चीजों की कीमतें सामान्य रहेंगी. दुर्घटनाएं आगजनी आतंक और तनाव होने की संभावना.
  • आंदोलन धरना प्रदर्शन हड़ताल, बैंक घोटाला,  शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव होगा. राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप ज्यादा होंगे.
  • सत्ता संगठन में बदलाव होंगे. मनोरंजन फिल्म खेलकूद एवं गायन क्षेत्र से बुरी खबर मिलेगी.
  • बड़े नेताओं का दुखद समाचार मिलने की संभावना.
  • देश के कुछ हिस्सों में हवा के साथ बारिश रहेगी

करें पूजा-पाठ और दान

मंगल के अशुभ असर से बचने के लिए हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए. लाल चंदन या सिंदूर का तिलक लगाना चाहिए. तांबे के बर्तन में गेहूं रखकर दान करने चाहिए. लाल कपड़ों का दान करें. मसूर की दाल का दान करें. शहद खाकर घर से निकलें. हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें. मंगलवार को बंदरों को गुड़ और चने खिलाएं.

Chaitra Navratri Vrat Paran 2025: चैत्र नवरात्रि का व्रत पारण कब और कैसे करें, भूलकर भी न करें ये गलती

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

Read More at www.abplive.com