Trump Reciprocal Tariffs Chart: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत, चीन और यूरोपीय संघ जैसे बड़े व्यापारिक साझेदारों के लिए नए अमेरिकी टैरिफ से जुड़ा एक चार्ट जारी कर दिया है. इस चार्ट के मुताबिक, कंबोडिया से आने वाले सभी सामानों पर 49% का सबसे ज्यादा टैरिफ लगाया जाएगा.
व्हाइट हाउस के रोज गार्डन से अपने भाषण में ट्रंप ने कहा कि वह आखिरकार अमेरिका को सबसे पहले रख रहे हैं.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कही ये बात
राष्ट्रपति ने कहा, “आज हम अमेरिकी कामगारों के साथ खड़े हैं और अब हम अमेरिका को सबसे पहले रख रहे हैं.” ट्रंप ने कहा, “हम बहुत अमीर बन सकते हैं, शायद दुनिया के किसी भी देश से ज्यादा. यह यकीन करना मुश्किल है, लेकिन अब हम समझदारी से काम कर रहे हैं.” इसके बाद उन्होंने घोषणा की कि अमेरिका में आने वाले लगभग सभी सामानों पर कम से कम 10% टैक्स लगाया जाएगा. कुछ देशों पर, जो चार्ट में दिखाए गए हैं, इससे भी ज्यादा टैक्स लगाया जाएगा.
इस दौरान ट्रंप ने कई अमेरिकी सहयोगियों का जिक्र करते हुए कहा, “कई बार व्यापार के मामले में दोस्त, दुश्मनों से भी बुरे साबित होते हैं.” ट्रंप ने खासतौर पर मैक्सिको और कनाडा को लेकर कहा, “हम कई देशों को आर्थिक मदद देते हैं, उन्हें आगे बढ़ने में सहायता करते हैं और उनके व्यापार को बनाए रखते हैं.” फिर उन्होंने सवाल किया, “हम ऐसा क्यों कर रहे हैं? आखिर हम कब कहेंगे कि अब उन्हें खुद अपने लिए काम करना चाहिए?”
जानें किस देश पर कितना लग रहा है टैक्स
इन नए शुल्कों का सामना करने वाले देशों में अल्जीरिया पर सबसे ज्यादा 30% टैक्स लगाया गया है, जबकि ओमान, उरुग्वे और बहामास को 10% टैक्स देना होगा. लेसोथो पर सबसे ज्यादा 50% टैरिफ लगाया गया है, जो अमेरिका द्वारा वहां के व्यापार से जुड़ी समस्याओं को दिखाता है. यूक्रेन, बहरीन और कतर पर 10% का टैक्स लगाया गया है, जबकि मॉरीशस को 40% और फिजी को 32% टैरिफ देना होगा. आइसलैंड और केन्या पर भी 10% टैक्स लगाया गया है, लेकिन लिकटेंस्टीन को 37% और गुयाना को 38% टैरिफ भरना होगा. हैती को भी 10% टैक्स के साथ इस सूची में शामिल किया गया है.
सूची में आगे बोस्निया और हर्जेगोविना पर 35% टैरिफ लगाया गया है, जबकि नाइजीरिया को 14% और नामीबिया को 21% टैरिफ भरना होगा. ब्रुनेई के लिए 24% टैरिफ तय किया गया है, जबकि बोलिविया, पनामा और कुछ अन्य देशों पर 10% टैरिफ लगाया गया है. वेनेजुएला को 15% टैरिफ का सामना करना होगा, जबकि उत्तरी मैसेडोनिया पर 33% टैरिफ लगाया गया है. इथियोपिया और घाना दोनों पर 10% टैरिफ लगाया गया है. चीन, जो एक बड़ा व्यापारिक केंद्र है, पर 34% टैरिफ लगाया गया है. यूरोपीय संघ को 20% टैरिफ देना होगा, जबकि वियतनाम 46% टैरिफ के साथ सूची में सबसे ऊपर है. इसके बाद ताइवान को 32% और जापान को 24% टैरिफ देना होगा. भारत और दक्षिण कोरिया पर क्रमशः 26% और 25% टैरिफ लगाया गया है, जबकि थाईलैंड को 36% और स्विट्जरलैंड को 31% टैरिफ भरना होगा.
टैरिफ दरें इंडोनेशिया और मलेशिया के लिए 32% और 24% तय की गई हैं, जबकि कंबोडिया को सबसे ज्यादा 49% टैरिफ झेलना पड़ रहा है. दूसरी ओर यूनाइटेड किंगडम पर केवल 10% का हल्का टैरिफ लगाया गया है, जबकि दक्षिण अफ्रीका को 30% और ब्राजील को 10% टैरिफ देना होगा. बांग्लादेश को भारी 37% टैरिफ झेलना पड़ेगा, जबकि सिंगापुर को केवल 10% और इजरायल व फिलीपींस को 17% टैरिफ भरना होगा. चिली और ऑस्ट्रेलिया को 10% टैरिफ के साथ राहत मिली है, लेकिन पाकिस्तान को 29%, तुर्की को 10% और श्रीलंका को 44% टैरिफ देना होगा. कोलंबिया भी 10% टैरिफ वाले देशों में शामिल है, जबकि पेरू और निकारागुआ को क्रमशः 10% और 18% टैरिफ देना होगा. नॉर्वे को 15% टैरिफ का सामना करना पड़ेगा.
कोस्टा रिका, जॉर्डन और डोमिनिकन गणराज्य पर 10%, 20% और 10% टैरिफ लगाया गया है. संयुक्त अरब अमीरात और न्यूजीलैंड को भी 10% टैरिफ का सामना करना पड़ रहा है. अर्जेंटीना, इक्वाडोर, ग्वाटेमाला और होंडुरास पर 10% टैरिफ लगाया गया है, लेकिन मेडागास्कर और म्यांमार (बर्मा) को क्रमशः 47% और 44% टैरिफ झेलना होगा. ट्यूनीशिया पर 28%, कजाकिस्तान पर 27% और सर्बिया पर 37% टैरिफ लगाया गया है, जबकि मिस्र, सऊदी अरब और अल साल्वाडोर को 10% टैरिफ देना होगा. कोटे डी आइवर को 21%, लाओस को 48% और बोत्सवाना को 37% टैरिफ देना होगा. त्रिनिदाद और टोबैगो तथा मोरक्को को 10% टैरिफ के साथ सूची में शामिल किया गया है.
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