
म्यांमार की जुंटा सेना।
बैंकाक: म्यांमार में शुक्रवार को आए भूकंप में मौतों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। अब मौतों का आंकड़ा 3000 के पार हो गया है। ऐसे में सत्तारूढ़ जुंटा सरकार ने भूकंप राहत कार्यों को सुगम बनाने और प्रभावित लोगों के प्रति सहानुभूति दिखाने के लिए 22 अप्रैल तक देश के गृहयुद्ध में अस्थायी संघर्ष विराम की घोषणा की है। सरकारी समाचार टेलीविजन चैनल ने बुधवार को यह जानकारी दी।
सैन्य उच्च कमान की ओर से जारी एक बयान में यह घोषणा सैन्य शासन का विरोध करने वाले सशस्त्र विद्रोही समूहों द्वारा घोषित एकतरफा अस्थायी युद्धविराम के बाद की गई है। टेलीविजन पर प्रसारित खबर में कहा गया कि जातीय सशस्त्र समूहों और स्थानीय विद्रोहियों को राज्य सुरक्षा बलों और सैन्य ठिकानों पर हमला करने से बचना चाहिए, तथा संगठित नहीं होना चाहिए, सेना को इकट्ठा नहीं करना चाहिए या क्षेत्र का विस्तार नहीं करना चाहिए।
सशस्त्र समूहों से हमला नहीं करने की अपील
जुंटा सरकार ने सशस्त्र बलों से अपील की है कि वह भी हमले बंद कर दें और सेना को जवाबी कार्रवाई के लिए मजबूर नहीं करें। बयान में कहा गया है कि यदि ये समूह इन शर्तों का पालन नहीं करते हैं तो सेना आवश्यक कदम उठाएगी। बता दें कि करीब 2 साल से म्यांमार गृहयुद्ध की चपेट में है। भूकंप से इस देश में बड़ी तबाही हुई है। भारत और चीन जैसे देशों की मदद से म्यांमार में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। जुंटा के नेता ने भूकंप के 1 दिन पहले ही राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। (एपी)
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