लोकसभा में केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया। पक्ष और विपक्षी नेताओं ने इस बिल पर अपने विचार व्यक्त किए। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वक्फ संशोधन बिल के समर्थन में कहा कि वक्फ का अर्थ अल्लाह के नाम पर संपत्ति का दान करना है। कई सदस्यों के मन में भ्रांतियां हैं। वफ्फ में कोई गैर इस्लामिक सदस्य नहीं आएगा।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगी द्वारा पेश किए गए विधेयक का समर्थन करता हूं। मैं दोपहर 12 बजे से चल रही चर्चा को ध्यान से सुन रहा हूं। मुझे लगता है कि कई सदस्यों के बीच कई गलतफहमियां हैं, चाहे वह वास्तविक हो या राजनीतिक। साथ ही इस सदन के माध्यम से उन गलतफहमियों को पूरे देश में फैलाने की कोशिश की जा रही है।
#WATCH | RJD supremo and former CM Lalu Prasad Yadav admitted to Paras Hospital; party leader and his son Tejaswi Yadav says, “…He is normal at present, he will be taken to the Delhi AIIMS soon for further treatment… ‘Lalu Yadav Kaleja wale admi hain’…Soon, he will be fit… https://t.co/On0AKsqeRW pic.twitter.com/1mhiVkOxko
— ANI (@ANI) April 2, 2025
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वक्फ एक अरबी शब्द है। वक्फ का इतिहास कुछ हदीसों से जुड़ा हुआ मिलता है और आज कल जिस अर्थ में वक्फ का प्रयोग किया जाता है, इसका अर्थ है अल्लाह के नाम पर संपत्ति का दान, पवित्र धार्मिक उद्देश्यों के लिए संपत्ति का दान। वक्फ का समकालीन अर्थ, इस्लाम के दूसरे खलीफा उमर के समय अस्तित्व में आया। एक प्रकार से आज की भाषा में व्याख्या करें तो वक्फ एक प्रकार का धर्मार्थ नामांकन (charitable enrollment) है। जहां एक व्यक्ति संपत्ति, भूमि धार्मिक और सामाजिक भलाई के लिए दान करता है, बिना उसको वापस लेने के उद्देश्य से। इसमें जो दान देता है उसका बहुत महत्व है। दान उस चीज का ही किया जा सकता है जो हमारा है, सरकारी संपत्ति का दान मैं नहीं कर सकता, किसी और की संपत्ति का दान मैं नहीं कर सकता।
उन्होंने आगे कहा कि वक्फ बोर्ड में किसी भी गैर-मुस्लिम व्यक्ति की नियुक्ति नहीं की जाएगी। हमने धार्मिक संस्थाओं के प्रबंधन के लिए गैर-मुस्लिमों को नियुक्त करने का न तो कोई प्रावधान किया है और न ही ऐसा करने का इरादा है। वक्फ परिषद और वक्फ बोर्ड की स्थापना 1995 में हुई थी। यह गलत धारणा है कि यह अधिनियम मुसलमानों की धार्मिक गतिविधियों और दान की गई संपत्तियों में हस्तक्षेप करता है। अल्पसंख्यकों में डर पैदा करने और विशिष्ट मतदाता जनसांख्यिकी को खुश करने के लिए यह गलत अफवाहें फैलाई जा रही हैं।
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Apr 02, 2025 18:42
Edited By
Deepak Pandey
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