भूकंप से दहला पाकिस्तान, कराची के बाद बलूचिस्तान में डोली धरती, जानिए ताजा हालात

Pakistan Earthquake: पाकिस्तान के बलूचिस्तान में मंगलवार (1 अप्रैल) को भूकंप के झटके महसूस किए गए. यह झटके ईद के दिन कराची में आए भूकंप के कुछ घंटों बाद आए, जिससे लोगों में दहशत फैल गई. हालांकि, अब तक किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है.

अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, बलूचिस्तान के बरखान जिले में आए भूकंप की तीव्रता 3.9 थी और इसका केंद्र ज़मीन से 12 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था. भूकंप का उपरिकेंद्र बरखान से 59 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में था. हालांकि, झटके हल्के होने के कारण किसी प्रकार के नुकसान की सूचना नहीं मिली है.

ईद के दिन कराची में 4.7 तीव्रता का भूकंप
इससे पहले, ईद के दिन भी पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में शाम 4 बजे के आसपास भूकंप के झटके महसूस किए गए. मौसम विभाग के अनुसार, कराची में आए इस भूकंप की तीव्रता 4.7 मापी गई.  इसका केंद्र शहर से 75 किलोमीटर उत्तर में स्थित था. यूएसजीएस के मुताबिक, इस भूकंप की वास्तविक तीव्रता 4.6 थी. इसका केंद्र बलूचिस्तान से 65 किलोमीटर पूर्व-दक्षिणपूर्व में 10 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था.

भूकंप के झटकों से दहशत में आए लोग
हालांकि, किसी प्रकार के भारी नुकसान या चोट की खबर नहीं है, लेकिन लगातार भूकंप के झटकों के कारण लोग डर गए. कई इलाकों में लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए. पाकिस्तान में भूकंप कोई नई या असामान्य घटना नहीं है, लेकिन जब झटके बार-बार महसूस होते हैं, तो इससे जनजीवन प्रभावित होता है.

पाकिस्तान में क्यों आते हैं बार-बार भूकंप?
पाकिस्तान एक अत्यधिक भूकंपीय (seismically active) क्षेत्र में स्थित है. इसका कारण यह है कि यह देश भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों की सीमा पर स्थित है. जब भारतीय प्लेट उत्तर की ओर यूरेशियन प्लेट से टकराती है तो भूकंप के झटके पैदा करने वाली एनर्जी बाहर निकलती है, जिससे झटके महसूस होते हैं. दक्षिण एशिया का एक बड़ा हिस्सा भूकंपीय रूप से सक्रिय है. यहां अक्सर हल्के से लेकर तेज भूकंप महसूस किए जाते हैं. खासकर पाकिस्तान, भारत, नेपाल और अफगानिस्तान जैसे देश इस टेक्टोनिक हलचल से प्रभावित होते हैं.

क्या पाकिस्तान में बड़ा भूकंप आने की संभावना है?
विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान में समय-समय पर छोटे और मध्यम तीव्रता के भूकंप आते रहेंगे. हालांकि, यदि बड़ी तीव्रता (6.5+ या उससे अधिक) का भूकंप आता है, तो यह भारी तबाही मचा सकता है. 2005 में पाकिस्तान के मुज़फ़्फराबाद में आए 7.6 तीव्रता के भूकंप ने 80,000 से अधिक लोगों की जान ले ली थी और लाखों लोग बेघर हो गए थे.

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