Akshaya Tritiya 2025: अक्षय तृतीया 2025, एक अत्यंत शुभ और समृद्धि का प्रतीक है. इस दिन लाखों लोग नए कार्यों की शुरुआत करते हैं.यह तिथि विशेष रूप से खरीदारी, नए निवेश, और शादी के मुहूर्त के लिए अत्यधिक फलदायी मानी जाती है. इस दिन, सूर्य और चंद्रमा की स्थिति न केवल कार्यों में सफलता और समृद्धि दिलाती है, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करती है. यही कारण है कि लोग इसका वर्ष भर इंतजार करते हैं.
अक्षय तृतीया हर साल वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाते हैं. इसे अखा तीज और युगादि तिथि के नाम से भी जाना जाता है. अक्षय तृतीया पर खरीदारी और दान पुण्य का बड़ा ही महत्व है. शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया पर किया गया दान पुण्य और शुभ कर्म का फल जन्म जन्मांतर तक मिलता है.
पौराणिक कथा के अनुसार अक्षय तृतीया के पुण्य से ही एक गरीब अगले जन्म में राजा और फिर चंद्रगुप्त विक्रमादित्य हुआ. अक्षय तृतीया पर कोई शुभ काम का आरंभ भी शुभ फलदायी होता है. इस दिन भगवान विष्णु और उनके अवतारों की पूजा विशेष रूप से फलदायी मानी गई है. इस दिन नमक और जल से भरे हुए घड़े का दान करना बड़ा ही शुभ माना गया है. अक्षय तृतीया 2025 के शुभ मुहूर्त, इस दिन खरीदारी करने के अद्भुत फायदे, और सही पूजा विधि के बारे में आइए जानते हैं-
अक्षय तृतीया 2025 कब है? (Akshaya Tritiya 2025 Date)
2025 में अक्षय तृतीया 30 अप्रैल, बुधवार को मनाई जाएगी. इस दिन सोना खरीदना, नया व्यापार शुरू करना और भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी तथा भगवान परशुराम की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है. यदि आप इस दिन को और भी मंगलमय बनाना चाहते हैं, तो शुभ कार्यों में भाग लें और अपने परिवार के साथ इस पवित्र दिन को श्रद्धा और आस्था के साथ मनाएं.
अक्षय तृतीया 2025 का शुभ मुहूर्त (Akshaya Tritiya 2025 Shubh Muhurat)
अक्षय तृतीया तिथि की शुरुआत 29 अप्रैल को शाम 05 बजकर 31 मिनट पर होगी और समापन 30 अप्रैल को दोपहर 02 बजकर 12 मिनट पर होगा. 30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया मनाया जाएगा. 30 अप्रैल के दिन पूजा का शुभ समय सुबह 06 बजकर 07 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक है.
अक्षय तृतीया का धार्मिक महत्व (Akshaya Tritiya 2025 Significance)
धार्मिक ग्रंथों में अक्षय तृतीया के महत्व के बारे में बताया गया है. इस दिन का विशेष धार्मिक महत्व है जो इस दिन को खास बनाता है. अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम जी का जन्म हुआ था. यही नहीं इसी दिन राजा भगीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर मां गंगा इसी दिन स्वर्ग से पृथ्वी पर आई थीं.अक्षय तृतीया के ही दिन श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को अक्षय पात्र दिया था, जिससे भोजन कभी समाप्त नहीं होता था. मान्यता है कि इस दिन किए गए दान का फल कभी खत्म नहीं होता, इसलिए इसे ‘अक्षय’ कहा जाता है.
अक्षय तृतीया की पूजा विधि (Akshaya Tritiya 2025 Puja Vidhi)
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें.
- भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें.
- दीपक जलाएं, फूल चढ़ाएं और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें.
- जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, जल और सोना दान करें.
इस दिन क्या करना शुभ होता है?
- सोना खरीदना- समृद्धि और सौभाग्य के लिए.
- नए व्यापार की शुरुआत- आर्थिक उन्नति के लिए.
- विवाह और गृह प्रवेश- बिना मुहूर्त देखे किया जा सकता है.
- दान और पूजा-पाठ- पुण्य फल की प्राप्ति के लिए.
क्या नहीं करना चाहिए?
- क्रोध और नकारात्मक सोच से बचें.
- किसी का अपमान न करें.
- अहंकार में आकर दान न करें, बल्कि सच्ची श्रद्धा से करें.
अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने का समय
एस्ट्रोलॉजर नीतिका शर्मा के अनुसार अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने के लिए शुभ समय 30 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 41 मिनट से लेकर दोपहर 02 बजकर 50 मिनट तक है. इस दौरान सोने की खरीदारी कर सकते हैं। इसके साथ ही 29 अप्रैल को संध्याकाल में भी सोने की खरीदारी कर सकते हैं.
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