Chaitra Navratri 2025 Jagatguru Shankaracharya Swaroopanand Saraswati ji built Rajarajeshwari temple ann

Chaitra Navratri 2025: नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव से 16 किलो मीटर की दूरी पर स्थित है. परमहंसी गंगा आश्रम जिसे जिले वासी झोतेश्वर के नाम से भी जाना जाता यहां पर स्थित है राजराजेश्वरी माता का का मंदिर, जिसका निर्माण दो पीठों के पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज ने करवाया था. परमहंसी गंगा आश्रम को शंकराचार्य स्वरूपानंद जी की तपस्थली के नाम से भी जाना जाता है. शंकराचार्य स्वरूपानंद जी सरस्वती जी की समाधि भी यही हैं.

 

मंदिर की विशेषता:-

 

मंदिर को दक्षिण भारत की निर्माण शैली के रूप में बनाया गया है. मंदिर में माता त्रिपुर सुंदरी की मनमोहक मूर्ति स्थापित है, जिनके दर्शन करने मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे भारत से लोग आते हैं. मंदिर की ऊंचाई लगभग 224 फिट है. इस मंदिर राजराजेश्वरी मां त्रिपुर सुंदरी की मनमोहक प्रतिमा स्थापित है, जिसे ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी ने की मां भगवती के साथ ही जब हम मातारानी की परिक्रमा करते हैं. तब हमें चौसठ योगिनी माता के भी दर्शन लाभ होते हैं. यहां पर नित्या भगवती की भी प्रतिमा विराजमान है.

 

दर्शन की मान्यता

  • मां भगवती राजराजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी माता के दर्शन मात्र से जन्मों जन्मों का फल प्राप्त हो जाता है. नवरात्रि में हर दिन माता का विशेष श्रृंगार किया जाता है. मां भगवती की अखंड ज्योत कलश की स्थापना की जाती है और विशेष पूजन अर्चन की जाती है. जो भक्त सच्चे मन ओर श्रद्धा से मां भगवती की आराधना करता है उसे भोग और मोक्ष दोनों प्राप्त होता है. 
  • नवरात्रि पर सुबह से भक्ति के आने का तांता लग जाता है. मंदिर में भक्त मां भगवती की आरती कर अपनी मनोकामना मांगते है. लोग मां की आराधना करते है. क्या छोटा क्या बड़ा सभी मां के भक्त होते है. भक्त भी अपनी मुराद लेकर मां के पास आते हैं और मां भी अपने भक्तों की मुराद पूरी करती हैं. नवरात्रि में यहां पर भक्तों का उत्साह बहुत ज्यादा होता हैं.
  • साथ ही यहां पर बसंत पंचमी में 7 दिन का मेला भी लगता है और यहां पर मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर ज़िले के गोटेगांव में मां राजराजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी का मंदिर है. यह मंदिर, प्रकृति की खूबसूरती के बीच बना है. इस मंदिर में झोतेश्वर मंदिर, लोधेश्वर मंदिर, हनुमान टेकरी, विचार शिला, और स्फटिक से बना शिवलिंग भी है. 

मंदिर की खास बातें:

  • यह मंदिर, जगत गुरु शंकराचार्य की तपोभूमि है. 
  • यहां बसंत पंचमी के मौके पर सात दिनों का मेला लगता है. 
  • श्रद्धालुओं का कहना है कि यहां सच्चे मन से मां राजराजेश्वरी से मांगी गई मनोकामना पूरी होती है. 
  • मां राजराजेश्वरी वर और मोक्ष दोनों देने वाली हैं.

Read More at www.abplive.com