Salman Khan :सलमान खान ने कहा मैं सेल्फ मेड नहीं हूं

salman khan :सलमान खान की फिल्म सिकंदर आज सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है. सिकंदर की खास बात यह है कि दो साल के अंतराल के बाद सलमान की कोई फिल्म ईद पर रिलीज होने जा रही है. ईद और सलमान खान की फिल्मों का कनेक्शन बहुत खास रहा है. सिकंदर में क्या है खास,को एक्टर रश्मिका सहित अपनी जिंदगी और इंडस्ट्री से जुड़े के दूसरे कई पहलुओं पर सलमान खान ने बातचीत की. बातचीत के प्रमुख अंश

अपनी फिल्मोग्राफी में सिकंदर को किस तरह से अलग करार देंगे ?

आप कह सकते हैं कि ये फिल्म थोड़ी अलग है. यहां इमोशन को एक्शन के साथ जोड़ा गया है. मेरी राय में किसी भी फिल्म में इमोशन ही मुख्य चीज होती है. इस फिल्म के निर्देशक मुरुगदौस हैं. आमिर के साथ गजिनी और अक्की (अक्षय) के साथ हॉलिडे दोनों ही उनकी फिल्में इमोशन्स से भरपूर थी. ‘सिकंदर’ में एक्शन के साथ-साथ रोमांस भी है और पटकथा के साथ एक बहुत ही खूबसूरत संदेश आया है.

आपकी जिंदगी का सिकंदर कौन है ?

मेरी जिंदगी में एक ही इंसान मेरे लिए सिकंदर है और वह मेरे पिता सलीम खान हैं, जो गैलेक्सी अपार्टमेंट के फर्स्ट फ्लोर में रहते हैं.

इतिहास में सिकंदर के बारे कहा जाता था कि उसने अपने हाथों से अपनी तकदीर लिखी थी,क्या आप खुद को भी सेल्फ मेड मानते  हैं ?

देखिए, इस प्लेनेट पर कोई भी सेल्फ मेड नहीं है. मैं ऐसा बिल्कुल नहीं मानता हूं . ‘टीम वर्क’ के बिना यह संभव नहीं है. अगर मेरे पिता आज इंदौर से यहां नहीं आये होते तो हम इंदौर में  खेती कर रहे होते. वैसे मेरे दादाजी अच्छे कलाकार थे  वह पुलिस में थे. ये सभी जानते हैं , लेकिन वह थिएटर से भी  जुड़े थे. वह बहुत अच्छे अभिनेता भी थे. एक्टिंग से उनकी वजह से पापा को भी लगाव हो गया और वह मुंबई आ गए और  दादा के परिचित लोगों ने पापा को पहला मौका भी दिया. अब लोग ‘नेपोटिज्म’ जैसे नए शब्द लेकर आ रहे हैं, लेकिन मुझे वह शब्द पसंद नहीं  है। (जोर से हंसते हुए)। मुझे तो समझ नहीं आता कि कंगना के जब भी बच्चे होंगे. वो क्या करेंगे क्योंकि वो तो  फिल्म और राजनीति दोनों में नहीं जा सकते हैं.

फिल्म में आपके अपोजिट रश्मिका मंदाना है,उनके साथ एज गैप मी चर्चा जोरों पर हैं. क्या एज गैप की ट्रॉल्लिंग क्या परेशान करती है ?

मेरे लिए यह नया नहीं है. मैं जब भी किसी नयी अभिनेत्री के साथ काम करता हूं तो मुझे एज गैप वाली बात सुनने को मिलती है. मैं नयी अभिनेत्रियों को बड़ा प्लेटफार्म देना चाहता हूं. मैं आगे भी काम करूंगा.मैं तो अनन्या पांडे और जाह्नवी कपूर के साथ भी काम करूंगा, जिसको जो बोलना है बोले.

फिल्म के ट्रेलर के कुछ दृश्यों में आपकी छवि रॉबिनहुड टाइप की नजर आ रही है ,निजी जिंदगी में आप काफी मददगार हैं ?

मुझे ही नहीं बल्कि मेरे पूरे परिवार को चैरिटी वर्क करना पसंद है लेकिन मैं एक वाकये का जिक्र करना चाहूंगा. जब मैं स्कूल में पढता था.हमें एक डोनेशन फॉर्म दिया जाता था ताकि हम गूंगे बहरे लोगों की मदद के लिए चंदा इकट्ठा कर सकें. मैं उन डोनेशन फॉर्म का कई ज़ेरॉक्स निकाल लेता और पापा के जितने भी दोस्त आते थे सुनील दत्त अंकल , राजेंद्र कुमार अंकल.मैं उनसे डोनेशन मांगता था. सलीम साहब का बेटा होने की वजह से वे मुझे अच्छा पैसा देते थे और दो तीन महीनों में मैं 400 से 500 रुपये तक कमा लेता था,लेकिन कुछ समय बाद मुझे मेरी गलती का एहसास हुआ और मैंने ये सब करना बंद कर दिया.

फिल्म में आपका दाढ़ी लुक है,लेकिन रियल लाइफ में क्लीन शेव लुक में आ गए हैं, आपको दाढ़ी वाला लुक पसंद है या क्लीन शेव ?

यह डिपेंड करता है. मुझे हल्की दाढ़ी वाला लुक पसंद है,लेकिन फिर मैं उस पर बार -बार हाथ फेरने लगता हूं , जिस वजह से मैं क्लीन शेव कर लेता हूं.  जब जॉ लाइन अच्छी थी. तब इस लुक में खुद को आईने में देखना अच्छा लगता था, लेकिन अब तो जैसे ही क्लीन शेव करता हूं , मुझे ट्रेडमिल पर भागना पड़ता है.

एक अरसे  से आप कॉमेडी फिल्मों में नजर नहीं आ रहे हैं ?

 ‘नो एंट्री’ या ‘रेडी’ जैसी कॉमेडी फिल्मों के ऑफर नहीं मिल रहे हैं. राजकुमार संतोषी की ‘अंदाज अपना-अपना’ का सीक्वल शानदार हो सकता हो, लेकिन उसपर भी अभी कुछ ठोस नहीं हो पाया है. मेरे पास दो फिल्में हैं. देखते हैं कौन सी पहली कर पाता हूं.  संजय दत्त के साथ एक फिल्म है. यह बहुत ही बड़े बजट की फिल्म होगी और दूसरी फिल्म सूरज बड़जात्या की भी हो सकती है.

साउथ डायरेक्टर एटली के साथ फिल्म कब करने जा रहे हैं ?

फ़िलहाल उस फिल्म का कुछ भी अता पता नहीं है.हमने बहुत कोशिश की लेकिन फिलहाल हम कोई फिल्म साथ में नहीं कर रहे हैं.

अक्सर तीनों खान को साथ लाने की बात होती है ?

(बीच में रोकते हुए )लेकिन अब तक कोई भी फिल्म हम तीनों को साथ में ऑफर नहीं हुई है. वैसे निर्माता भी जानते हैं कि उस प्रोजेक्ट का बजट बहुत हाई होगा और जिम्मेदारियां भी. कोई इतना बड़ा रिस्क लेना नहीं चाहता है इसलिए हम तीनों को अब तक साथ में कोई फिल्म ऑफर नहीं हुई.

साउथ की फिल्में बॉक्स ऑफिस पर लगातार अच्छा कर रही हैं आप क्या अलग उनकी फिल्मों में पाते हैं ?

 तकनीकी रूप से साथ के डायरेक्टर बहुत एडवांस हैं और वे फिल्मों से भावनात्मक तौर पर जुड़े रहते हैं. वे कभी इधर-उधर से कहानियाँ नहीं लेते हैं. वे अपनी कहानियां ख़ुद लिखते हैं. आखिरकार, अच्छी फिल्में चलेंगी, और जो अच्छी नहीं होंगी वे नहीं चलेंगी. फिर चाहे वह मेरी ही क्यों ना हो. हां कुछ मौके पर लक अच्छा होने से बुरी फिल्म भी चल जाती है.

फिल्म के ट्रेलर के एक डायलॉग में आप ‘एमएलए’ और ‘एमपी’ होने की बात करते हैं. क्या आप राजनीति में आ सकते हैं?

मुझे राजनीति में रूचि नहीं है.राजनीति और एडमिनिस्ट्रेशन के बारे जानकारी भी नहीं है.ऐसे काम में क्यों जाना जिसके बारे में पता ही नहीं हूं. (हंसते हुए ) इतने साल से अभिनय कर रहा हूं , लेकिन  मैं यह काम (अभिनय) भी बहुत अच्छे से नहीं कर सकता हूँ.

फिल्मों के फाइनेंस की हम अक्सर बातें करते हैं लेकिन निजी जिंदगी में आपके आर्थिक फैसले कौन लेता है ?

मेरे पापा ही सारे फैसले लेते हैं. अभी कुछ समय पहले से मैं चेक साइन करने लगा हूं. 

आपको लगातार जान से मारने की धमकियां मिलती रहती हैं, क्या आप कहीं असुरक्षा से ग्रस्त होते हैं?

जितने दिन का जीवन  लिखा है, उतना ही दिन का यह होगा. मुझे इतने सारे लोगों के साथ घूमना पड़ता है, बस यही दिक्कत होती है. अभी मेरी जिंदगी मेरे घर से शूटिंग सेट तक ही सिमट गयी है.


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