US Campus Activism : संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने वाले सैकड़ों विदेशी छात्रों को अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने जोर का झटका दिया है. दरअसल अमेरिका में रहने वाले सैकड़ों विदेशी छात्रों को अमेरिका की डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट (DOS) की तरफ से एक ईमेल भेजा गया है, जिसमें उन सभी छात्रों से सेल्फ-डिपोर्ट करने को कहा गया है और इसके पीछे कैंपस एक्टिविज्म को कारण बताया गया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया ने इमिग्रेशन अटॉनी से इस बात की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन के इस कदम से निशाने पर कुछ भारतीय छात्र भी हो सकते हैं, जिन्हें सोशल मीडिया पर कैंपस एक्टिविज्म के कारण सेल्फ डिपोर्ट करने से संबंधित ईमेल भेजा गया हो. उन्होंने कहा कि अमेरिका के ट्रंप प्रशासन सिर्फ उन छात्रों को निशाना नहीं बना रही जो कैंपस एक्टिविज्म के दौरान खुद मौजूद थे, बल्कि इसमें उन छात्रों को भी शामिल किया गया है जो सोशल मीडिया पर इससे संबंधित किसी भी पोस्ट को शेयर, लाइक जैसी किसी भी गतिविधि में शामिल थे.
अमेरिकी विदेश विभाग ने सोशल मीडिया के रिव्यू के बाद उठाया कदम
अमेरिका के विदेश विभाग (DOS) ने यह कदम सोशल मीडिया के रिव्यू के बाद उठाया है, जिसमें दूतावास के अधिकारी भी शामिल थे. ऐसे में संयुक्त राज्य अमेरिका में स्टूडेंट वीजा के लिए आवेदन करने वाले नए छात्र भी सोशल मीडिया की इस स्क्रूटनी के दायरे में आ जाएंगे, फिर चाहे वह F (एकेडमिक स्टडी वीजा), M (वोकेशनल स्टडी वीजा) या J (एक्सचेंज वीजा) के तहत आते हों. अमेरिकी प्रशासन की ओर से लिए गए इस कदम के कारण अब स्टडी वीजा के लिए अप्लाई करने वाले नए आवेदकों को अमेरिका में पढ़ने का मौका नहीं मिलेगा.
अमेरिका में 3.31 लाख भारतीय छात्र कर रहे पढ़ाई
ओपेन डोर्स की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, 2023-24 में संयुक्त राज्य अमेरिका में कुल 1.1 मिलियन (करीब 11 लाख) विदेश छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, जिनमें से करीब 3.31 लाख छात्र भारत के रहने वाले हैं.
आतंकियों के समर्थकों की पहचान के लिए एआई का किया इस्तेमाल
एक्सियोस ने पहले अपनी रिपोर्ट में बताया था कि अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने हमास या किसी अन्य आतंकवादी समूह को समर्थन करने वाले किसी भी विदेशी नागरिक के वीजा को कैंसिल करने के लिए एआई के जरिए कैच एंड रिवोक के कदम को लॉन्च किया था.
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