Shani Gochar 2025: थाईलैंड और म्यांमार में आए भीषण भूकंप ने पूरी दुनिया को हिला दिया है. लेकिन क्या यह सिर्फ एक संयोग था, या इसके पीछे ग्रहों की चाल का कोई गहरा रहस्य छिपा है? कल यानि 29 मार्च 2025 को शनि देव मीन राशि में गोचर करेगा और इसी दिन सूर्य ग्रहण भी लगेगा! वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जब इतने बड़े ग्रह परिवर्तन होते हैं, तो पृथ्वी पर प्राकृतिक आपदाओं (Natural Disasters) जैसे भूकंप, सुनामी और ज्वालामुखी विस्फोट की संभावनाएं बढ़ जाती हैं.
क्या यह खगोलीय घटनाएं सिर्फ मिथक हैं या इनके पीछे कोई वैज्ञानिक आधार भी है? शनि गोचर 2025, सूर्य ग्रहण और भूकंप के गहरे संबंध को ज्योतिष और विज्ञान दोनों दृष्टिकोण से समझने की कोशिश करेंगे. साथ ही, क्या अगला बड़ा खतरा आपके शहर के दरवाजे पर खड़ा है? इसे भी समझने की कोशिश करते हैं कि क्या 2025 में दुनिया किसी बड़े प्राकृतिक संकट की ओर बढ़ रही है-
प्राकृतिक आपदाएं (Natural Disasters) और ग्रहों का प्रभाव: क्या कहता है ज्योतिष?
म्यांमार और थाईलैंड में आए भूकंप (Earthquake) ने दुनिया को झकझोर दिया है. वैदिक ज्योतिष (Vedic Astrology) के अनुसार, जब प्रमुख ग्रह गोचर (Transit) करते हैं और सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) जैसे महत्वपूर्ण खगोलीय घटना होती हैं, तो पृथ्वी पर असंतुलन पैदा हो सकता है.
शनि गोचर 2025 (Shani Transit 2025): क्या यह वैश्विक संकट (Global Crisis) की भविष्यवाणी कर रहा है?
29 मार्च 2025 को शनि मीन राशि (Pisces) में गोचर (Transit) करेगा. शनि का यह परिवर्तन न केवल ज्योतिषीय रूप से महत्वपूर्ण है बल्कि वैश्विक घटनाओं (Global Events) पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ सकता है. मीन राशि (Pisces Zodiac) जल तत्व से जुड़ी है, और शनि का गोचर जल तत्व में होने वाली उथल-पुथल को दर्शाता है. इससे भूकंप (Earthquakes), सुनामी (Tsunamis), चक्रवात (Cyclones) और समुद्री दुर्घटनाओं (Oceanic Accidents) की संभावना बढ़ जाती है.
शनि देव ने जब भी जल राशियों में प्रवेश किया, तो दुनिया ने विनाशकारी घटनाएं देखी हैं, ऐतिहासिक उदाहरण (Historical Examples) से समझते हैं:-
- 2004 हिंद महासागर सुनामी (Indian Ocean Tsunami): उस समय शनि कर्क राशि (Cancer – Water Element) में था.
- 2011 जापान का भूकंप और सुनामी (Japan Earthquake and Tsunami): उस समय शनि कन्या (Virgo) में था.
- 1905 कांगड़ा भूकंप (Kangra Earthquake): उस दौरान भी शनि जल तत्व की राशि मीन में स्थित था. जहां पर उसके साथ सूर्य, बुध और पाप ग्रह केतु की युति बनी थी.
सूर्य ग्रहण 2025 (Solar Eclipse 2025) और भूकंप (Earthquake) का सीधा संबंध!
29 मार्च 2025 को ही सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) भी होने जा रहा है! ज्योतिष के अनुसार, जब सूर्य (Sun) और चंद्रमा (Moon) एक सीध में आते हैं, तो पृथ्वी के गुरुत्वीय क्षेत्र (Gravitational Field) पर असर पड़ता है. यह प्राकृतिक आपदाओं (Natural Disasters), भूकंप (Earthquakes) और ज्वालामुखी विस्फोट (Volcanic Eruptions) की संभावना को बढ़ा सकता है. ग्रहों की गणना से भी इस वर्ष ऐसे खतरनाक संकेत मिल रहे हैं. इसके साथ शनि, गुरू, राहु और केतु की बदलती स्थिति बढ़े बदलाव के भी संकेत कर रही है.
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वैज्ञानिक और ज्योतिषीय विश्लेषण (Scientific and Astrological Analysis): क्या यह महज़ अंधविश्वास है?
वैज्ञानिक दृष्टि (Scientific Perspective) से भूकंप (Earthquake) पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेट्स (Tectonic Plates) की हलचल के कारण आते हैं. लेकिन ज्योतिष (Astrology) कहता है कि जब भारी ग्रह (जैसे शनि – Shani) गोचर (Transit) करते हैं और साथ में सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) जैसी घटनाएं होती हैं, तो पृथ्वी पर ऊर्जा (Energy) असंतुलित हो सकती है.
आने वाला समय कैसा है?
आने वाले महीनों में भूकंप (Earthquakes), ज्वालामुखी विस्फोट (Volcanic Eruptions) और सुनामी (Tsunamis) की संभावना बढ़ सकती है. ज्योतिषीय गणनाएं संकेत दे रही हैं कि 2025 की पहली छमाही दुनिया के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है. मीन राशि में 6 ग्रहों की युति शास्त्रों में आपदा लाने वाली मानी गई है. इसलिए विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है, खास तौर पर उन स्थानों पर जहां पर सूर्य ग्रहण पूर्ण है यानि दिखाई दे रहा है. ये समय अपनी आध्यात्मिक चेतना को मजबूत बनाने का है, स्वयं की एनर्जी को खराब नहीं करना चाहिए और मानव कल्याण के लिए ईश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए, आपसी प्रेम भाव को बनाए रखते हुए अपनी प्रतिभा को निखारने का प्रयास करना चाहिए. भगवान विष्णु की पूजा विशेष लाभकारी सिद्ध हो सकती है.
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