नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के कॉन्ट्रैक्ट्स की एक्सपायरी का दिन नहीं बदला जाएगा। कुछ समय पहले एनएसई ने अपने सभी डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स की एक्सपायरी को गुरुवार से बदलकर सोमवार को करने का फैसला किया था लेकिन अब यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई। बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की गुरुवार देर शाम एक कंसल्टेशन पेपर जारी होने के बाद एनएसई ने यह फैसला किया। एनएसई ने एक नया सर्कुलर जारी कर कहा कि सेबी के कंसल्टेशन पेपर को देखते हुए एक्सपायरी के दिन में बदलाव के फैसले को अगली सूचना तक स्थगित किया जा रहा है।
क्या है SEBI के कंसल्टेशन पेपर में?
गुरुवार 27 मार्च की शाम सेबी ने एक कंसल्टेशन पेपर जारी किया। इसमें सेबी ने सभी इक्विटी डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स की एक्सपायरी को मंगलवार या गुरुवार रखने का प्रस्ताव रखा था। इसके अलावा पेपर में यह भी प्रस्ताव रखा गया कि एक्सचेंजों को कॉन्ट्रैक्ट की एक्सपायरी या सेटलमेंट डेट में बदलाव के लिए सेबी की मंजूरी लेनी चाहिए।
NSE की एक्सपायरी क्यों गुरुवार से शिफ्ट हो रही थी सोमवार को?
इस महीने की शुरुआत में एनएसई ने ऐलान किया था कि निफ्टी के सभी इंडेक्स के वीकली डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स गुरुवार की बजाय सोमवार को एक्सपायर होंगे और यह फैसला 4 अप्रैल से प्रभावी होगा। यह बदलाव निफ्टी के मासिक, तिमाही और छमाही कॉन्ट्रैक्ट्स पर भी लागू होना था। अभी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के कॉन्ट्रैक्ट्स की एक्सपायरी के दिन को शुक्रवार से बदलकर सोमवार किया गया था।
इस हफ्ते की शुरुआत में बीएसई के सीईओ सुंदररमन रामामूर्ति ने सीएनबीसी-टीवी18 से बातचीत में कहा था कि बीएसई डेरिवेटिव मार्केट शेयर के पीछे नहीं भागेगा लेकिन दो एक्सपायरी के बीच स्प्रेड होना चाहिए। वहीं एनएसई के सीईओ आशीषकुमार चौहान ने 10 मार्च को कहा था कि डेली एक्सपायरी को कम करने के पीछे सेबी का जो भी नजरिया रहा हो, लेकिन उन्हें नहीं लगता कि अगर अलग-अलग दिन एक्सपायरी होती है तो इससे कुछ हासिल हो पाएगा। ऐसे में एनएसई के सीईओ ने कहा कि यह तभी हासिल हो सकता है, जब सभी की एक्सपायरी एक ही दिन हो।
NSE के MD और CEO आशीष चौहान का बयान, सारे एक्सचेंज की एक्सपायरी का दिन एक हो
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