Karnataka Muslim Quota Controversy: कर्नाटक में टेंडरों में चार फीसदी मुस्लिम कोटा को लेकर बेंगलुरु से लेकर दिल्ली तक बवाल मचा हुआ है. सिद्धारमैया सरकार ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर विधानसभा में बिल पास करा लिया है, जिसके विरोध में बीजेपी के विधायकों ने हंगामा मचाया और 18 विधायकों को सस्पेंड कर दिया गया. अब बीजेपी की ओर से कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार को चेतावनी दी गई है.
बीजेपी ने सोमवार (24 मार्च) को सत्तारूढ़ कांग्रेस को चेतावनी दी कि अगर उसके 18 विधायकों का सस्पेंशन वापस नहीं हुआ तो पार्टी विधानसभा की कार्यवाही नहीं चलने देगी. बीजेपी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस भाजपा विधायकों के बिना सदन चलाने का इरादा रखती है.
‘अगर सस्पेंशन वापस नहीं हुआ तो…’
विधानसभा में नेता विपक्ष आर अशोक ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उनकी पार्टी के विधायक संविधान को बनाए रखने के लिए लड़ रहे हैं. दरअसल बीजेपी का कहना है कि संविधान में कहीं मुस्लिम आरक्षण की व्यवस्था नहीं है और कांग्रेस ओबीसी, एससी-एसटी के आरक्षण को काटकर उसमें से मुस्लिमों को रिजर्वेशन दे रही है. भाजपा नेता ने कहा, ‘मैं कांग्रेस को चेतावनी देता हूं कि अगर निलंबन वापस नहीं लिया गया तो हमारा संघर्ष और तेज होगा. देखते हैं कि आप (कांग्रेस) भविष्य में विधानसभा सत्र कैसे चलाते हैं.’
डीके शिवकुमार के बयान पर मचा हंगामा
कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर जो बयान दिया, उस पर भी बवाल मचा हुआ है. बीजेपी डीके शिवकुमार के बयान को लेकर बेंगलुरु से लेकर दिल्ली तक हमलावर है और कांग्रेस लीडरशिप से स्पष्टीकरण मांग रही है. इसको लेकर राज्यसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि उनकी पार्टी की संविधान बदलने की कोई मंशा नहीं है. उन्होंने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा दिए गए आरक्षण को कोई खत्म नहीं कर सकता है.
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