Sebi चेयरमैन बनने के बाद तुहिन कांत पांडे की पहली बोर्ड बैठक, हितों के टकराव नियमों की समीक्षा पर पैनल गठित Sebi: सेबी के बयान के अनुसार, समिति हितों के टकराव पर मौजूदा नियमों की व्यापक समीक्षा करेगी, जिसमें बोर्ड के सदस्यों की संपत्ति, निवेश और देनदारियों को शामिल किया जाएगा. एप में देखें

Sebi: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने ऐलान किया कि चेयरपर्सन, बोर्ड सदस्यों और अधिकारियों के हितों के टकराव और डिस्क्लोजर से जुड़े नियमों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा. यह मंजूरी सेबी के नए अध्यक्ष तुहिन कांत पांडे (Tuhin Kanta Pandey)  की अध्यक्षता में आयोजित पहली बोर्ड बैठक के दौरान दी गई.

सेबी के बयान के अनुसार, समिति हितों के टकराव पर मौजूदा नियमों की व्यापक समीक्षा करेगी, जिसमें बोर्ड के सदस्यों की संपत्ति, निवेश और देनदारियों को शामिल किया जाएगा. इस समिति में संवैधानिक, वैधानिक और नियामक निकायों के साथ-साथ सरकारी, सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों और शिक्षा जगत में अनुभव रखने वाले विशेषज्ञ शामिल होंगे. बाजार नियामक ने कहा कि आने वाले समय में समिति के सदस्यों के नाम का ऐलान किया जाएगा.

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समिति का प्राथमिक उद्देश्य हितों के टकराव का प्रबंधन करने, पारदर्शिता, जवाबदेही और नैतिक आचरण सुनिश्चित करने के लिए सेबी के ढांचे को मजबूत करना है. समिति अपने गठन के तीन महीने के भीतर अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगी, जिसके बाद बोर्ड उन पर विचार करेगा. 

समिति हितों के टकराव के ढांचे को अपडेट करेगी और उस पर पुनर्विचार करेगी. साथ ही सदस्यों से चल या अचल संपत्ति और अन्य संपत्तियों के बारे में खुलासा करने को कहेगी. इस महीने की शुरुआत में, नए सेबी चेयरमैन पांडे ने कहा था कि नियामक अपने बोर्ड के सदस्यों के हितों के किसी भी टकराव को जनता के सामने उजागर करेगा. जल्द ही इसे लेकर योजना भी आएगी, जिससे विश्वास और पारदर्शिता में सुधार होगा.

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पांडे ने मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, हमें न केवल सभी पक्षकारों का अपने (सेबी) प्रति विश्वास पैदा करना है, बल्कि हमें उस विश्वास को बनाए रखना भी है. हमें और अधिक पारदर्शी होने की आवश्यकता है, जिसमें (सेबी) बोर्ड के हितों के टकराव जैसे कई अन्य उपाय शामिल हैं.

 

SEBI बोर्ड की बैठक के अहम फैसले

  • FPI डिस्क्लोजर लिमिट 25,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 50,000 करोड़ रुपये हुआ
  • हितों के टकराव नियमों की समीक्षा पर पैनल गठित होगा
  • पैनल 3 महीने में अपने रिपोर्ट बोर्ड को सौंपेगा
  • FPIs को 50% से अधिक निवेश पर डिटेल देनी होगी
  • एक ही कॉरपोरेट ग्रुप में 50% से अधिक निवेश पर डिटेल देनी होगी
  • SEBI ने MII में नियुक्तियों और बदलाव के नियम आसान किए
  • नियम में आसानी से कंपनियों को ज्यादा छूट मिलेगी
  • PID की नियुक्ति अब भी SEBI की मंजूरी से होगी
  • PID: Public Interest Directors
  • नियुक्ति के लिए शेयरधारकों की मंजूरी जरूरी नहीं
  • इन्वेस्ट एडवाइजर, एनालिस्ट 1 साल का एडवांस फीस ले सकेंगे
  • नियम सिर्फ व्यक्तिगत और HUF ग्राहकों पर लागू होंगे
  • बड़े निवेशकों के लिए फीस के नियम आपसी समझौते से तय होंगे
  • मुख्य अधिकारियों की नियुक्ति के लिए MII के गवर्निंग बोर्ड की मंजूरी जरूरी
  • अटकलबाजी पर अंकुश लगाने के लिए मार्केट पार्टिसिपेंट्स से संपर्क किया गया
  • इक्विटी F&O नियमों पर फरवरी के FPI पेपर पर 800 प्रतिक्रियाएं मिलीं.

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