Sunita Williams Return : नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स आखिरकार नौ महीने अंतरिक्ष में फंसे रहने के बाद 3 अंतरिक्ष यात्रियों के साथ सुरक्षित वापस लौट आईं।. ये वापसी भारतीय समय के मुताबिक सुबह तीन बजकर बजकर सत्ताइस मिनट पर हुई। यह एक ऐतिहासिक पल है जो नासा और स्पेसएक्स की टीम की कड़ी मेहनत और समर्पण को दर्शाता है। उनका स्पेसएक्स कैप्सूल फ्लोरिडा की खाड़ी में पैराशूट के जरिए सुरक्षित उतरा। जिसे एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है। नासा के अधिकारियों ने इस ऐतिहासिक मिशन की सफलता पर प्रसन्नता जताते हुए बताया कि हालांकि यह मिशन आठ दिनों के लिए निर्धारित था, लेकिन तकनीकी समस्याओं के चलते अंतरिक्ष यात्रियों को नौ महीने तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर रहना पड़ा।
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मिशन की सफलता पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में, नासा ने इस लंबे प्रवास के दौरान आई चुनौतियों और स्पेसएक्स के योगदान पर प्रकाश डाला और उनको धन्यवाद कहा। नासा अधिकारियों के अनुसार, ड्रैगन क्रू कैप्सूल की विश्वसनीयता और टीम के समर्पण ने इस मिशन को सफल बनाया। सुनीता विलियम्स ने सुरक्षित वापसी के बाद हाथ हिलाकर खुशी जाहिर की और मिशन के दौरान अपने अनुभव साझा किए। नासा ने यह भी बताया कि इस मिशन से मिले अनुभवों का उपयोग भविष्य में अंतरिक्ष यात्राओं को और सुरक्षित और प्रभावी बनाने में किया जाएगा।
स्पेसएक्स का ड्रैगन कैप्सूल आज तड़के 3.27 बजे फ्लोरिडा के तट पर स्प्लैशडाउन हुआ. इसके बाद वहां पहले से मौजूद सेफ्टी टीम ने रिकवरी शिप के जरिए एक-एक कर चारों अंतरिक्ष यात्रियों को यान से बाहर निकाला। इस दौरान सबसे पहले क्रू-9 मिशन के कैप्टन निक ग्रेग, रूस के अंतरिक्ष यात्री एलेक्जेंडर गोर्बुनोव, सुनीता विलियम्स और आखिर में बुच विल्मर बाहर आए, बाहर निकलते ही सुनीता विलियम्स ने सबको Hi किया।
अनधींकिंग से पहले स्पेसक्राफ्ट के अंदर लाइफ सपोर्ट सिस्टम, कम्युनिकेशन और प्रस्टर सिस्टम की वर्किंग चेक किया गया। दूसरे चरण में स्पेसक्राफ्ट का लॉक खोला गया। इसमें स्पेसक्राफ्ट को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से जोड़ने वाले जोड़ खोले जाते हैं। तीसरे चरण में अनडॉकिंग सिस्टम खुलने के बाद भ्रस्टर से स्पेसक्राफ्ट को आईएसएस से अलग किया गया।
इसके बाद क्रू ड्रैगन कैप्सूल से बाहर निकाले गए और उन्हें स्ट्रेचर पर ले जाया गया, ये उनकी शुरुआती मेडिकल जांच का हिस्सा है। अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने के कारण अंतरिक्ष यात्रियों के शरीर पर असर होता है। कमजोर मांसपेशियों की वजह से चल नहीं पाने के चलते एस्ट्रोनॉट की स्ट्रेचर पर ले जाने का प्रोटोकॉल है। यह पहला पल था जब सुनीता विलियम और उनके साथियों ने 9 महीने बाद शैविटी को महसूस किया है।
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सुनीता और बुच की फिलहाल ह्यूस्टन में जॉनसन स्पेस सेंटर ले जाया गया है। सेंटर में दोनों एस्ट्रोनॉट कुछ दिनों तक स्वास्थ्य जांच के लिए रहेंगे। घर जाने से पहले नासा के डॉक्टर सभी की हेल्थ पर नजर रखते हैं। अगले कुछ दिन में दोनों को घर जाने की इजाजत दी जा सकती है।
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