सेबी डेल्टा-बेस्ड ओपन इंटरेस्ट (ओआई) लिमिट में प्रस्तावित बदलाव में संशोधन कर सकता है। इंडस्ट्री से जुड़े पार्टिसिपेंट्स ने सेबी से यह मांग की थी। सूत्रों ने बताया कि एंड ऑफ द डे (ईओडी) डेल्टा-बेस्ड लिमिट में वृद्धि उतनी नहीं होगी, जितनी कुछ पार्टिसिपेंट्स चाहते थे। इनमें एफआईए जैसी इंटरनेशनल इंडस्ट्री बॉडी भी शामिल है। फ्यूचर्स इंडस्ट्री एसोसिएशन (एफआईए) कई पार्टिसिपेंट्स का प्रतिनिधित्व करती है। इनमें जेन स्ट्रीट और सिटैडल जैसे हेज फंड शामिल हैं। एफआईए ने ईओडी नेट इंडेक्स फ्यूचर इक्विवैलेंट लिमिट को बढ़ाकर 7,500 करोड़ रुपये करने की मांग की थी।
SEBI ने 24 फरवरी को जारी किया था कंसल्टेशन पेपर
SEBI ने 24 फरवरी को एक कंसल्टेशन पेपर पेश किया था। सेबी के होल-टाइम मेंबर अनंत नारायण ने मनीकंट्रोल से बातचीत में कंसल्टेशन पेपर पेश करने के मकसद के बारे में बताया था। उन्होंने कहा था कि मार्केट डिसक्लोजर में इम्प्रूवमेंट, इंडिविजुअल पोजीशंस की ट्रैकिंग और इंडेक्स डेरिवेविट में बेहतर कंसंट्रेशन इसका मकसद है। उन्होंने कहा था कि इससे रिस्क मैनेजमेंट में मदद मिलेगी और मार्केट मैनिपुलेशन को लेकर चिंता दूर होगी।
कंसल्टेशन पेपर में लिमिट 2,500 करोड़ करने का प्रस्ताव
कंसल्टेशन पेपर जारी होने के बाद से प्रस्तावित ग्रॉस और इंट्राडे डेल्टा-बेस्ड लिमिट को लेकर काफी चर्चा हुई है। इस पेपर में इंट्राडे डेल्टा-बेस्ड OI की मॉनिटरिंग और इंट्राडे ग्रॉस डेल्टा-बेस्ड लिमिट 2,500 करोड़ रुपये तय करने की बात कही गई है। मनीकंट्रोल से बातचीत में कुछ मार्केट प्लेटर्स ने इस लिमिट को बढ़ाकर दोगुना करने की मांग की थी। कुछ का कहना था कि इसे तीन या चार गुना किया जाना चाहिए।
सेबी ने कंसल्टेशन पेपर के फीडबैक पर विचार किया
सूत्रों ने बताया है कि सेबी ने इन सुझावों पर विचार किया है। मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया, “कंसल्टेशन पेपर पर ज्यादातर पॉजिटिव फीडबैक मिला है। लेकिन, ग्रॉस डेल्टा-बेस्ड लिमिट को लेकर कुछ चिंताएं हैं। इंडस्ट्री प्लेयर्स ने सेबी को बताया है कि इससे उनके लिए किस तरह की परेशानियां खड़ी होंगी और किस तरह उनके वैध कारोबार पर खराब असर पड़ेगा। इसलिए सेबी इस लिमिट को बढ़ाने पर दोबारा विचार करेगा।”
FIA की मांग मानने को तैयार नहीं है सेबी
सूत्रों ने कहा कि इस बात की उम्मीद कम है कि सेबी EOD नेट लिमिट को बढ़ाकर 7,500 करोड़ रुपये करेगा। फंड मैनेजर्स ने इसका स्वागत किया है। उनका कहना है कि FIA की मांग पर इस लिमिट को बढ़ाने से मार्केट में मैनिपुलेशन की गुंजाइश बढ़ सकती थी। ऑप्शन ट्रेडर मयंक बंसल ने कहा, “कंसल्टेशन पेपर में रेगुलेटर ने बताया था कि कैसे कुछ प्लेयर्स का नेट डेल्टा-बेस्ड ओआई 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा था। ये ऐसे प्लेयर्स हो सकते हैं, जिन्होंने एफआईए के जरिए अपनी मांग रखी होगी। “
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