Holi 2025 Katha: गुरुवार 13 मार्च की रात को होलिका दहन किया जाएगा. होली मनाने के पीछे कई कहानियां जुड़ी हुई हैं, उनमें से यह कहानी काफी प्रसिद्ध और रोचक है, जो कामदेव और बसंत ऋतु से जुड़ी है. लेकिन क्या आप जानते हैं, कि कामदेव ने आखिर क्यों बसंत ऋतु को किया प्रकट? आइए जानते हैं इसके पीछे का राज़.
होली मनाने के पीछे कई कहानियां हैं. इनमें सबसे मशहूर प्रह्लाद और होलिका की कहानी है. इसके अलावा यह त्योहार नई फसल आने और बसंत ऋतु की शुरुआत की खुशी में भी मनाया जाता है. बसंत ऋतु को ऋतुराज कहा जाता है. पुराने समय में इसकी शुरुआत पर लोग फूलों से बने रंग उड़ाकर उत्सव मनाते थे.
एक पौराणिक कथा के अनुसार, कामदेव ने बसंत ऋतु को उत्पन्न किया था, इसलिए इसे उनका पुत्र भी कहा जाता है. श्रीमद् भगवद् गीता में श्रीकृष्ण ने कहा है कि, सभी ऋतुओं में मैं बसंत हूं. इसलिए बसंत ऋतु को श्रीकृष्ण का स्वरूप भी माना जाता है. जानिए कामदेव ने आखिर क्यों बसंत ऋतु को किया प्रकट.
तो इसलिए कामदेव ने किया बसंत को प्रकट
दक्ष ने भगवान शिव का अपमान किया, जिससे दुखी होकर देवी सती ने हवन में अपने प्राण त्याग दिए.सती के बिछड़ाव में भगवान शिव गहरे ध्यान में चले गए. असुर तारकासुर ने ब्रह्मा से वरदान लिया कि केवल शिव का पुत्र ही उसे मार सके. वरदान पाकर तारकासुर ने देवताओं को हराकर स्वर्ग पर कब्ज़ा कर लिया. ब्रह्मा के वरदान के कारण विष्णु भी तारकासुर का वध नहीं कर सकते थे, इसलिए सभी देवता शिव का विवाह करवाने का उपाय सोचने लगे.
देवताओं ने कामदेव को शिव का ध्यान भंग करने का काम सौंपा. कामदेव ने शिव का ध्यान भंग करने के लिए बसंत ऋतु बनाई और काम बाण चलाए. शिव का ध्यान टूटते ही वह क्रोधित हुए और अपने तीसरे नेत्र से कामदेव को भस्म कर दिया. कामदेव की पत्नी रति की प्रार्थना पर शिव ने कहा कि द्वापर युग में कामदेव श्रीकृष्ण के पुत्र प्रद्युम्न के रूप में जन्म लेंगे. बाद में शिव का विवाह माता पार्वती से हुआ. शिव-पार्वती के पुत्र कार्तिकेय ने तारकासुर का वध करके देवताओं को मुक्ति दिलाई.
होली की कहानी हमें यह सिखाती है कि प्रेम और सुंदरता में बड़ी शक्ति होती है, जो किसी भी चीज को नया जीवन दे सकती है. यह हमें प्रेम, सुंदरता और जीवन के महत्व को समझने की प्रेरणा देती है.
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