Saint Premanand Ji Maharaj played holi showered gulal on devotees viral video of barsane ki holi

Premanand Ji Maharaj Holi: होली का पर्व हर साल फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है. साल 2025 में होली का पर्व 14 मार्च, शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा. होली के खास मौके पर प्रेमानंद जी महाराज ने आश्रम में होली खेली और अपने श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया. 

वृंदावन में होली का पर्व अन्य स्थानों की तुलना हर्ष और उल्लास से मनाया जाता है. वृंदावन में होली का पर्व श्री कृष्ण और राधा के प्रेम के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है, जहां उनके बचपन के दिन बीती थी, इसलिए यहां रंगों से होली खेलने की शुरुआत हुई थी. मान्यता है कि भगवान कृष्ण ने राधा और गोपियों के साथ रंग खेला था, जिससे होली प्रेम, आनंद और एकजुटता का त्योहार बन गई. होली के पूर्व यहां होली का उत्सव शुरू हो जाता है.

संत प्रेमानंद जी महाराज ने होली के पावन अवसर पर भक्तों के साथ खेली होली और गुलाल का रंग बरसाया. संत प्रेमानंद महाराज ने जैसे ही श्रद्धालुओं पर गुलाल डाला तो वह खुशी में झूमने लगे.

प्रेमानंद जी महाराज का मानना है कि यह गुलाल संसारिक रंग नहीं है, यह गुरुदेव का रंग है. रंग कैसे उतरेगा, प्रिया और प्रियतम का रंग है. प्रसन्न मन से भगवान का नाम जप करें, पवित्र आहार करें. भगवान के इस रंग की वर्षा के बाद किसी और का रंग अपने ऊपर ना चढ़ाएं. जब हमने अपने प्रिय और प्रियतम के साथ होली खेल ली तो किसी और का रंग अपने ऊपर ना चढ़ाएं. ईष्ट और गुरुदेव ने जो रंग रंगा वह बहुत है. यह सौभाग्य है इस समृति को मन में रखें. होली के दौरान धैर्य पूर्वक रहें, नशा ना करें. श्री जी का भोग पाएं, अपने घर जाएं, एकांत वास करें, गुरु के रंग में रंग जाएं.

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