Holashtak 2025 End on Holika dahan par kya kare manglik work will start after kharmas

Holashtak 2025: होलाष्टक का समय बेहद क्रूर और अशुभ माना जाता है,क्योंकि होलाष्टक में ग्रहों का स्वभाव उग्र रहता है और समस्त नौ ग्रह प्रतिकूल प्रभाव देते हैं. यही वजह है कि होलाष्टक के दौरान शुभ कार्य करने की मनाही होती है, सिर्फ भक्ति, तप और संयम के लिए ये समय अनुकूल माना गया है. तांत्रिक दृष्टि से ये सिद्धियां प्राप्त करने का समय है. इस बार होलाष्टक कब खत्म हो रहे हैं आइए जानते हैं.

होलाष्टक 2025 में कब खत्म होंगे ?

होलाष्टक की शुरुआत 7 मार्च 2025 को फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से हुई थी और इसका समापन फाल्गुन पूर्णिमा 13 मार्च को सुबह 10.35 मिनट पर होलिका दहन के दिन होगा. कहा जाता है कि होलाष्टक के दिनों में नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव अत्यधिक होता है.

होलाष्टक के बाद भी नहीं होंगे मांगलिक कार्य

होलाष्टक की समाप्ति 13 मार्च को होलिका दहन के दिन हो रही है लेकिन इसके अगले दिन 14 मार्च से खरमास शुरू हो जाएंगे. खरमास में मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, नए बिजनेस शुरु करना वर्जित है. इस दौरान वाहन, सोना, आदि की खरीदारी भी नहीं की जाती है. खरमास की समाप्ति 14 अप्रैल 2025 को होगी.

होलाष्टक जिस दिन खत्म होंगे उस दिन क्या करें

होलाष्टक होलिका दहन के दिन समाप्त हो रहे हैं. पंचांग के अनुसार मात्र एक ही दिन शुभ कार्यों के लिए उत्तम रहेगा. ऐसे में फाल्गुन पूर्णिमा यानी होलिक दहन पर ‌व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करें, सत्यनारायण कथा कर सकते हैं. इसके अलावा इस दिन चांद को अर्घ्य जरुर दें, क्योंकि इसी तिथि पर चंद्रमा का जन्म हुआ था. चांद की पूजा के बाद होलिका की पूजा करें और होलिका की अग्नि में नारियल, काले तिल, गेहूं आदि अर्पित करें.

होलाष्टक के 8 दिन यातनाओं वाले रहे

यही वो 8 दिन है जब हिरण्यकश्यप ने अपने बेटे और विष्णु जी के परम भक्त प्रहलाद को यातनाएं दी थी, फिर भी प्रह्रलाद अपनी भक्ति के मार्ग से विचलित नहीं हुए थे और होलिका दहन के दिन हिरण्यकश्यप की बहन होलिका प्रहलाद को लेकर अग्नि में बैठ गई थी. विष्णु जी की अपार कृपा के चलते प्रहलाद को अग्नि छू भी नहीं पाई लेकिन होलिका भस्म हो गई.

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