Rangbhari ekadashi 2025 Baba bhole reached Kashi Vishwanath with gauri gauna in varanasi ann

Rangbhari Ekadashi 2025: रंगभरी एकादशी के अवसर पर बाबा विश्वनाथ और मां गौरा के गौना संपन्न होने की प्राचीन परंपरा रही है. इसी क्रम में आज विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत परिवार से सुबह ही पालकी पर सवार होकर बाबा विश्वनाथ और मां गौरा विश्वनाथ मंदिर परिसर पहुंचे. इस दौरान गलियों से गुजरते समय लोगों ने हर हर महादेव और हाथ उठाकर बाबा विश्वनाथ और मां गौरा का चरण वंदन किया. वाराणसी की गलियों से गुजरते समय अबीर गुलाल भी उड़ाए जा रहे थे.

“जब सुबह ही मां गौरा का गौना लेकर मंदिर पहुंचे बाबा भोले”

रंगभरी एकादशी के अवसर पर वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर से जुड़ी एक प्राचीन परंपरा रही है, जिसमें पूर्व महंत परिवार से बाबा विश्वनाथ मंदिर के लिए एक रजत पालकी यात्रा निकाली जाती है, जिस पर भोलेनाथ, मां गौरा अपने परिवार संग विराजे रहते हैं. गलियों में मौजूद लाखों की संख्या में लोग उनसे अबीर गुलाल रंग खेलते हैं, जहां यह मान्यता है कि इस दिन से ही काशी में होली रंग उत्सव के शुभ मुहूर्त की शुरुआत हो जाती है.

हालांकि इस बार पूर्व महंत परिवार से काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर के लिए सुबह ही पालकी यात्रा को निकाला गया. इस दौरान मंदिर मार्ग पर सीमित संख्या में लोग मौजूद रहे. दोपहर बाद काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में रखी मूर्ति काशी वालों और पूर्व महंत परिवार के सदस्यों के साथ गर्भगृह तक पहुंचेगी. रास्ते में गुजरते पालकी पर लोगों ने अबीर गुलाल अर्पित किया और हर हर महादेव के उद्घोष के साथ बाबा के गौना में शामिल हुए.

“काशी में चर्चाओं का दौर तेज!”

पूर्व महंत परिवार को इससे पहले भी प्रशासन की तरफ से रंगभरी एकादशी के दिन निकाले जाने वाले इस पारंपरिक यात्रा के संबंध में जानकारी दी गई थी. फिलहाल आज सुबह और महंत आवास से मंदिर परिसर के लिए निकले इस पालकी को लेकर चर्चाओं का दौर तेज है. पालकी पर सवार बाबा भोले और मां गौरा के प्रतिमा को ढक कर ले जाने और सुबह अचानक पालकी के मंदिर परिसर पहुंचने पर लोगों द्वारा अलग-अलग तर्क भी दिए जा रहे हैं.

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