Narasimha Dwadashi 2025 date shubh muhurat lord narsingh puja significance

Narasimha Dwadashi 2025: होलिका दहन की कहानी भक्त प्रहलाद से जुड़ी है. प्रहलाद को उसके क्रूर पिता हिरण्यकश्यप से भगवान विष्णु के अवतार नरसिंद देव ने बचाया था. हर साल होलिका दहन से पहले फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर नरसिंह द्वादशी मनाई जाती है.

यही वो दिन था जब भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए नरसिंह अवतार लिया था. इस दिन नरसिंह रूप में श्रीहरि की पूजा करने से व्यक्ति भय, दुश्मन और दोष पर मुक्ति मिलती है.

नरसिंह द्वादशी 2025 डेट

नरसिंह द्वादशी 10 मार्च 2025 को है. भगवान नरसिंह ने हिरण्यकश्यप को शाम के समय मृत्यु के घाट उतारा था. ऐसे में नरसिंह द्वादशी का व्रत इसी दिन करना श्रेष्ठ होगा.

  • ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 4.59 – 5.48
  • अभिजित मुहूर्त- दोपहर 2.30- 3.17
  • विजय मुहूर्त- दोपहर 12.8- 12.55
  • गोधूलि मुहूर्त- शाम 6.24 – 6.49

नरसिंह द्वादशी महत्व

भगवान विष्णु के इस स्वरूप ने प्रहलाद को भी वरदान दिया कि, जो कोई इस दिन भगवान नृसिंह का स्मरण करते हुए, श्रद्धा से उनका व्रत और पूजन करेगा उसकी मनोकामनाएं पूरी होंगी. इसके साथ ही उसके रोग, शोक और दोष भी खत्म हो जाएंगे.

श्रीहरि ने आधा मनुष्य और आधा शेर के शरीर में नृसिंह अवतार लेकर दैत्यों के राजा हिरण्यकश्यप का वध किया था.  उसी दिन से इस पर्व की शुरुआत मानी जाती है. भगवान

नरसिंह द्वादशी पूजा विधि

सुबह जल्दी उठकर नित्यकर्म, स्नानादि करें. अब साफ़ कपड़ा पहन कर घर के पूजा स्थल पर भगवान विष्णु के चौथे अवतार नरसिंह भगवान के सामने मंदिर में दीपक जलाएं. इसके बाद पुष्प, अक्षत, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें. इसके बाद भगवान नरसिंह को भोग लगाएं. भगवान नरसिंह का ध्यान करते हुए आरती करें. अब हाथ जोड़कर प्रणाम करें. तदोपरांत प्रसाद का वितरण करें.

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