Ramadan 2025 ramazan me kya kare or kya nahi follow these guidelines of muslim scholar ann

Ramadan 2025: रमजान के पाक महीने को खुदा की खास इबादत के लिए जाना जाता है. तमाम रोजेदार इस महीने में खुदा की शान में और अपनी आत्मा की शुद्धि के लिए रोजे से रहते हैं. सुबह की पहली किरण के साथ शुरू होने वाला रोजा शाम सूर्य अस्त होने पर इफ्तार के साथ खोला जाता है.

लेकिन बहुत से लोगों को शायद ये नहीं मालूम होगा कि आखिर रमजान के महीने में रखे जाने वाले रोजे किन्हें रखना चाहिए, किनके लिए ये रोजे वाजिब हैं और किन परिस्थितियों  में रोजेदार रोजे से बच सकते हैं. इन्हीं बातों को बताने के लिए इस्लाम के जानकार मुस्लिम स्कॉलर ने उन तमाम बिंदुओं पर रौशनी डाली जो इस्लाम को मानने वाले है और कुछ महत्वपूर्ण जानकारियों से अंजान हैं, उन्हीं लोगों के लिए रोजे के बारीकियों को मुस्लिम स्कॉलर से साझा किया.

सख्ती से मनाही है रमजान में ये काम

मुस्लिम स्कॉलर और जानकार के मुताबिक मुस्लिम धर्म में जिन बातों को सख्ती से मनाही की गई है उन्हें तो हरगिज नहीं किया जा सकता है, जैसे झूठ बोलना, किसी की चुगली करना, पीठ पीछे  किसी की बुराई करना, ब्याज और हराम से जुडे कामों को करना इस्लाम में सख्त मना है.

वाजिब होने के बाद भी रमजान में नहीं करें ये काम

वहीं धर्म के जानकार कौसर मजीदी का कहना है कि, इस्लाम के कुछ ऐसे काम भी है जो वाजिब होने के बावजूद रमज़ान के महीने में प्रतिबंधित है रोजेदार इन कामों से जरूर बचें वरना उनके रोजे मुकम्मल नहीं माने जाएंगे. जैसे कोई भी स्त्री मासिक धर्म के दौरान रोजे से परहेज करे, पति-पत्नी के जिस्मानी रिश्ते इस्लाम में वैध हैं, लेकिन रमजान में रोजे रखते वक्त संबंध स्थापित नहीं किए जा सकते हैं, अगर कोई शख्स जोकि मुस्लिम है वो अगर सफर में है और 57 किलोमीटर की दूसरी का सफर तय कर रहा है तो उसे रोजे के दौरान माफी है क्योंकि सफर करने वाला शख्स इस्लाम की नजर में मुसाफिर माना जाएगा और उसे इसके लिए छूट दी जाती है.

कुछ खास नियम रोजेदारों के लिए

  • सफर के दौरान मुस्लिम रोजे रखने का बाध्य नहीं है उसे इस्लाम के मुताबिक छूट है.
  • बीमार मुस्लिम पुरुष और महिलाओं को रोजे न रखने पर राहत है.
  • भूखे शख्स को रमजान के महीने में खाना खिलाना, आश्रयहीन को आसरा देना जरूरी है.
  • रमजान के महीने में ईंद की नमाज से पहले जकात और फितरा जरूर निकाल देना चाहिए.
  • अगर किसी परिस्थित में कोई भी मुस्लिम रोजा नहीं रख पाता है तो उसके एवज में वो गरीब लोगों को रोजे के दिन के मुताबिक खाना खिला दें.

मुस्लिम स्कॉलर के अनुसार रमजान महीने के लिए साझा की गई इन बारीक जानकारियों के मुताबिक मुस्लिम रोजेदार कुछ खास बातों का ध्यान रखें और रोजे न रख पाने की स्थिति में ये काम करने से गुनाह से भी बचेंगे और रोजे का फर्ज भी पूरा कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें: Ramadan 2025 Day 6: रमजान का छठवां रोजा है खास, रोजेदारों को देता है ईमानदारी और फरमाबर्दारी की सीख

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

Read More at www.abplive.com